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अतिक्रमियों को हाई कोर्ट से राहत नहीं, अदालत ने तथ्य छिपाने पर जताई नाराजगी

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जयपुर। सिरसी रोड अंडरपास से झारखंड मोड तक अतिक्रमण हटाने के मामले में अतिक्रमियों को राजस्थान हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। अदालत ने मामले में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से की जा रही कार्रवाई में दखल से इनकार कर दिया। वहीं अदालत ने जेडीए की ओर से मामले में जारी किए गए संशोधन पत्र की जानकारी अदालत में नहीं देने पर अतिक्रमियों पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि उन्हें मामले में गुमाराह किया जा रहा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आनंद शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश सरिता चौधरी व अन्य की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि मामला एकलपीठ में लंबित है तो फिर खंडपीठ में अधूरे तथ्यों के साथ प्रार्थना पत्र क्यों पेश किया जा रहा है।

प्रार्थना पत्र में कहा था कि जेडीए ने उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया है। वहीं इस संबंध में पूर्व में जारी आदेश में संशोधन किया जाए। इस पर खंडपीठ ने जेडीए के अधिवक्ता अमित कुड़ी को उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया। जेडीए की ओर से कहा कि कार्रवाई से पहले प्रभावितों को सुनवाई का पूरा मौका दिया था। जेडीए ने मौके पर पीटी सर्वे कर सीमाकंन की प्रक्रिया की थी और धारा 72 के नोटिस 272 लोगों को जारी किए थे, लेकिन इनमें से केवल 32 ने ही आपत्ति दर्ज कराई है। इसके अलावा आदेश की तारीख के संबंध में संशोधन पत्र जारी किया गया था, लेकिन याचिकाकर्ता ने उसकी जानकारी अदालत में नहीं दी है। जेडीए ने सुबह छह बजे से ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है और 12 बजे तक अधिकांश अतिक्रमणों को हटा दिया है। इस पर अदालत ने जेडीए की कार्रवाई में दखल से इनकार कर दिया।

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