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BJP नेता की दिनदिहाड़े हत्या को लेकर डोटासरा का भजनलाल सरकार पर बड़ा हमला, बोले - 'सत्ताधारी नेताओं की जान सुरक्षित नहीं..'

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राजस्थान के झालावाड़ जिले के मंडावर गांव में सोमवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात में भाजपा नेता सुरेन्द्र मेवाड़ा की अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियारों से हत्या कर दी। सुबह करीब 7 बजे जब मेवाड़ा खेत से घर लौट रहे थे तो हमलावरों ने उन पर लगातार वार किए, जिससे वे लहूलुहान होकर गिर पड़े। परिजनों और ग्रामीणों ने उन्हें झालावाड़ के श्री राजेन्द्र अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंडावर पुलिस के अनुसार हमले का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश जारी है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस घटना को लेकर भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और यह हत्या इसका स्पष्ट उदाहरण है।

भाजपा नेता की हत्या पर भड़के डोटासरा
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है इस घटना ने भाजपा सरकार के सुरक्षा संबंधी सभी झूठे दावों की पोल खोल दी है। राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, और इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण झालावाड़ में दिनदहाड़े भाजपा नेता सुरेन्द्र मेवाड़ा जी की निर्मम हत्या है। इस घटना ने भाजपा सरकार के सुरक्षा संबंधी सभी झूठे दावों की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस पार्टी की सरकार प्रदेश में है, उसके नेता की सरेआम हत्या कर दी जाती है और अपराधी बेखौफ होकर भाग जाते हैं। कानून व्यवस्था का इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है? सत्ता में आने से पहले भाजपा ने 'सख्त कानून व्यवस्था' और 'सुशासन' का दावा किया था, लेकिन मेवाड़ा जी की हत्या से पता चलता है कि भाजपा के वादे महज जुमले बनकर रह गए हैं। सवाल यह है कि जब प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की जान सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? मेवाड़ा परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।

माना जा रहा है कि पुरानी रंजिश है

पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही मौके का मुआयना किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया। भीड़ के जमा होने से तनाव बढ़ गया, जिसके चलते अस्पताल में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस कई एंगल से जांच कर रही है। आरोपियों की तलाश के लिए टीमें गठित कर इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है। सुरेंद्र मेवाड़ा का नाम पहले सत्तू चौधरी हत्याकांड में आया था, जिसमें उसे निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। स्थानीय राजनीति में उसकी मजबूत पकड़ थी, जिसके चलते हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना जताई जा रही है।

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