दौसा में एक कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने केंद्र सरकार और भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि यह अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ और अन्य गंभीर आर्थिक मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश है।
ध्यान भटकाने के लिए लाया गया विधेयक
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाए, जिससे हमारे व्यापार और रोजगार पर संकट गहरा गया, तो सरकार को इसका जवाब देना चाहिए था। लेकिन इसके बजाय केंद्र संसद में ऐसा मुद्दा लेकर आया, जिससे असली सवालों से ध्यान भटक गया।उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस कदम का कई देशों ने मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही, लेकिन भारत सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप है। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रहित के सवालों से डरती है और इस तरह के संशोधन विधेयक ला रही है, ताकि विपक्ष संसद में सवाल न उठा सके। धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है और भारत गठबंधन इसे सफल नहीं होने देगा।
पेपर लीक मामले पर सरकार को घेरा
सचिन पायलट ने परीक्षा पेपर लीक मामले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, तब बड़े मगरमच्छों को पकड़ने की बात कही थी। लेकिन आज तक केवल कुछ छोटे अपराधी ही पकड़े गए हैं। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद बड़ी मछलियों तक पहुंच नहीं बनाई गई। इससे साफ संकेत मिलता है कि कुछ छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास बड़ी एजेंसियां होने के बावजूद पेपर लीक करने वाले असली दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पायलट ने कहा कि अब जनता भी जवाब मांग रही है कि सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है?
पायलट ने पूछा- सरकार कौन चला रहा है?
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि चाहे एमएसपी पर कानून बनाने की बात हो या किसानों को बोनस देने का सवाल हो, इस सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं, पुलिस पर हमले हो रहे हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार अपने हिसाब से चल रही है। भीलवाड़ा और कई अन्य जगहों पर हम देख सकते हैं कि पुलिस पर हमले हो रहे हैं। प्रशासनिक नियंत्रण बिल्कुल नहीं है। क्योंकि उनमें इतनी कलह है कि वे ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि सरकार दिल्ली से चल रही है या अधिकारी चला रहे हैं? मुख्यमंत्री को कुछ पता नहीं है।
वे केवल दिल्ली को खुश करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। निवेश के झूठे दावे, सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल राजस्थान सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट के जरिए 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश के दावे पर पायलट ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक दुष्प्रचार है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात सरकार के मुंह से गलत तरीके से निकली है। शायद उन्होंने दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिए ऐसा कहा हो। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, जब मुख्यमंत्री खुद कह रहे हैं कि उद्योगपति सरकार का फोन नहीं उठा रहे हैं तो इससे सरकार की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल उठता है। अब कौन सरकार पर भरोसा करके यहां निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जो कहा, उसे पूरा किया। लेकिन भाजपा सरकार सिर्फ दुष्प्रचार में लगी हुई है। धर्म के नाम पर तनाव पैदा कर रही है, विधानसभा में विधायक एक दूसरे को पाकिस्तानी कह रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है।
फोन टैपिंग पर सरकार चुप क्यों है?
सचिन पायलट ने फोन टैपिंग मामले में किरोड़ी लाल मीना के आरोपों का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर जवाब देने से बच रही है। पता नहीं फोन टैपिंग पर वह चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि सरकार को खुद नहीं पता कि उसके कौन मंत्री हैं और कौन नहीं।