केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जैसलमेर में शनिवार (31 मई) को फिर मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल के दौरान शाम 5 बजे सायरन बजाया जाएगा। साथ ही आपातकालीन व्यवस्थाओं की भी जांच की जाएगी। इस मॉक ड्रिल को 'ऑपरेशन शील्ड' नाम दिया गया है। गौरतलब है कि गृह विभाग ने सभी जिलों को मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं। पहले मॉक ड्रिल 29 मई को होनी थी, लेकिन किसी कारणवश इसे स्थगित कर दिया गया था। लेकिन अब शनिवार 31 मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश आए हैं।
प्रशासन ने शुरू की तैयारियां
सिविल डिफेंस ने मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे पहले जैसलमेर में 7 मई को हवाई हमलों से बचने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी और हवाई हमलों की चेतावनी वाले सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया गया था। बताया जा रहा है कि 7 मई की मॉक ड्रिल में खामियां रह गई थीं, इसलिए नए सिरे से मॉक ड्रिल की जा रही है। मॉक ड्रिल क्या है
मॉक ड्रिल एक तरह का "अभ्यास" है, जिसमें हम देखते हैं कि अगर कोई आपात स्थिति (जैसे हवाई हमला या बम हमला) होती है तो आम लोग और प्रशासन कैसे और कितनी जल्दी प्रतिक्रिया करते हैं। ब्लैक आउट अभ्यास का मतलब है एक निश्चित समय के लिए पूरे इलाके की लाइट बंद कर देना। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि अगर दुश्मन देश हमला करता है तो अंधेरे में इलाके को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे दुश्मन के लिए निशाना साधना मुश्किल हो जाता है।
ऑपरेशन शील्ड के तहत अब राजस्थान में 31 मई को मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट ऑफ वॉर का आयोजन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने मॉक ड्रिल की नई तारीख तय कर दी है। पहले यह मॉक ड्रिल 29 मई यानी गुरुवार को होनी थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने बुधवार शाम को इसे टाल दिया।
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