भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दिल्ली से जोधपुर जा रही मंडोर एक्सप्रेस ट्रेन में सवार विदेशी पर्यटकों और अन्य यात्रियों के साथ जयपुर के पास एक सनसनीखेज चोरी की वारदात सामने आई है, जिसने यात्रियों के बीच खौफ और असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है।
इस घटना के अनुसार, मंडोर एक्सप्रेस के एक कोच में यात्रा कर रहे विदेशी पर्यटक और अन्य यात्री अचानक चोरों के शिकार बन गए। आरोपियों ने ट्रेन में सवार यात्रियों के बैग और अन्य कीमती सामान चुरा लिया। यह घटना उस समय घटी जब ट्रेन जयपुर से कुछ किलोमीटर पहले ही गुजर रही थी। यात्रियों ने जब अपने सामान की जांच की, तो पाया कि उनके बैग गायब थे। कई विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ भारतीय यात्रियों ने भी अपनी कीमती वस्तुएं चोरी होने की शिकायत की है।
चोरी की इस वारदात के बाद यात्रियों ने हंगामा किया और रेलवे अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। एक यात्री ने बताया, "हम सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे थे। ट्रेन के अंदर सवार चोरों ने हमसे सामान छीन लिया, और कोई भी रेलवे कर्मचारी या पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद नहीं था। यह बहुत ही चिंताजनक है।"
रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं, और यह घटना इसके एक और उदाहरण के रूप में सामने आई है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे प्रशासन को ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों के मामले में सुरक्षा को लेकर अधिक सख्ती की आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें भारतीय रेल यात्रा के दौरान कई बार असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।
रेलवे प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए घटना की जांच शुरू कर दी है। रेलवे पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर पीड़ित यात्रियों के बयान लिए हैं और चोरी की वारदात में शामिल आरोपियों की पहचान के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। रेलवे अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और यात्रियों के साथ ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों, इसके लिए पुख्ता कदम उठाए जाएंगे।
इस बीच, यात्रियों ने भी रेलवे अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे ट्रेन के अंदर सुरक्षा गार्ड तैनात करें और विशेष रूप से ट्रेनों में सफर करने वाले विदेशी यात्रियों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करें। उनका कहना है कि रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था में त्वरित सुधार करना चाहिए ताकि यात्रियों को बिना किसी डर के यात्रा करने का अनुभव मिल सके।
यह घटना न केवल रेलयात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि भारतीय रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंचा रही है। अब देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।
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