टोंक में आजादी के समय पाकिस्तान से आए सिंधी समुदाय के लोगों की जमीन बेचने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में भाजपा का पूर्व पार्षद भी शामिल है। इन लोगों ने फर्जी वारिस बनकर सिंधी समुदाय के लोगों के नाम पर आवंटित जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। आने वाले दिनों में इस मामले में कई और खुलासे हो सकते हैं।
सिंधी लोगों के नाम पर आवंटित की गई थी जमीन
जानकारी के अनुसार टोंक की अरनिया केदार पंचायत में पाकिस्तान से भारत आए सिंधी समुदाय के लोगों के नाम पर जमीन आवंटित की गई थी। इसके बाद कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करवा ली और अपने नाम से खाते भी खुलवा लिए, लेकिन एक शिकायत पर लंबी जांच प्रक्रिया के बाद पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है।
कुछ कांग्रेसी नेता भी आरोपी
पुलिस ने इस रैकेट के मुख्य सरगना भाजपा के पूर्व पार्षद नाथू मल सिंधी और फर्जी वारिस बने शोभाराम सिंधी को गिरफ्तार किया है। दो अलग-अलग अधिकारियों की जांच के बाद एक दर्जन लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया। खास बात यह है कि इसमें कुछ कांग्रेस नेता भी आरोपी थे। इस मामले में पुलिस जयपुर निवासी ओमप्रकाश को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ओमप्रकाश को भी जमीन का फर्जी वारिस बताकर पेश किया गया था। कलेक्टर की ओर से की गई जांच में नाथूमल सिंधी को इस अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड माना गया था। अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
और भी गिरफ्तारियां होंगी
नाथू सिंधी और उसकी पत्नी टोंक नगर परिषद के दो अलग-अलग वार्डों में पार्षद रह चुके हैं। शोभाराम सिंधी जयपुर निवासी है और दोनों को एक दिन के पीसी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। थानाधिकारी भंवर लाल वैष्णव ने बताया कि इस मामले में अभी कई और गिरफ्तारियां होनी हैं।
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