पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में फुले के योगदान को अविस्मरणीय बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और सामाजिक सुधार में फुले का योगदान अद्वितीय है। उन्होंने टीकाराम जूली मामले में नेता प्रतिपक्ष ज्ञानदेव आहूजा के बयान पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जूली मंदिर में दर्शन के लिए गई थी, जिसके बाद मंदिर को गंगा जल से धोया गया। गहलोत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और भाजपा तथा आरएसएस से स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
भाजपा-आरएसएस से पूछा गया सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अगर वह गलत हैं तो भाजपा और आरएसएस को आगे आकर यह बात कहनी चाहिए। उन्होंने घटना को विचारोत्तेजक बताते हुए पूछा कि यह भेदभाव क्यों और किस मानसिकता के साथ किया जा रहा है।
भाजपा ने निलंबित कर दिया
दरअसल, भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने अलवर में श्री राम मंदिर पर उस समय गंगा जल छिड़का जब कांग्रेस नेता टीकाराम जूली यहां आए थे। आहूजा ने कहा कि जूली के आने से मंदिर 'अपवित्र' हो गया था और अब वह इसे 'शुद्ध' कर रहे हैं। कांग्रेस ने ज्ञानदेव आहूजा के इस कृत्य को 'दलित विरोधी' बताकर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया। वहीं, भाजपा ने आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी कर पार्टी से निलंबित कर दिया।
तहव्वुर राणा पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बारे में उन्होंने कहा, "यह एक सकारात्मक कदम है। इससे न्याय का इंतजार कर रहे लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार अन्य आर्थिक भगोड़ों को भी भारत लाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाए।"
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