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श्रीनगर एयरपोर्ट पर मारपीट करने वाले आर्मी ऑफ़िसर पर हो सकती है ये कार्रवाई

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image Getty Images

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर एयरपोर्ट पर भारतीय सेना के एक अधिकारी पर स्पाइसजेट एयरलाइन के कर्मचारियों के साथ मारपीट का आरोप लगा है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 26 जुलाई को हुई इस घटना में एयरलाइन के चार कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

इस मामले में स्पाइसजेट एयरलाइन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि यात्री के पास अतिरिक्त सामान था और जब उससे इसके लिए भुगतान करने को कहा गया तो उसने इनकार करते हुए जबरन अंदर आने की कोशिश की.

भारतीय सेना का कहना है कि मामले की जांच में संबंधित अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है.

मामले में एयरलाइन की शिकायत पर स्थानीय पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.

हालांकि, अब तक सैन्य अधिकारी की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है.

एयरलाइन का कहना है कि उनकी ओर से यात्री को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

क्या है पूरा मामला? image BBC

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में यात्री को कर्मचारियों से मारपीट करते और उनमें से एक पर हवाई अड्डे पर रखे स्टैंड से हमला करते हुए देखा जा सकता है.

स्पाइसजेट ने रविवार को कहा कि दिल्ली जाने वाली फ्लाइट में सवार एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने 26 जुलाई को श्रीनगर हवाई अड्डे पर एयरलाइन के चार कर्मचारियों के साथ मारपीट की, जिसमें एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी टूट गई.

एयरलाइन ने बताया कि स्थानीय पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई है और नागर विमानन नियमों के तहत यात्री को 'नो-फ्लाई' सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

स्पाइसजेट के मुताबिक, "26 जुलाई, 2025 को श्रीनगर से दिल्ली जाने वाली उड़ान संख्या एसजी-386 के बोर्डिंग गेट पर एक यात्री ने स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों पर गंभीर हमला किया. यह मारपीट तब हुई जब यात्री से अतिरिक्त सामान के लिए भुगतान करने को कहा गया."

एयरलाइन ने बताया, "अधिकारी सात किलोग्राम वज़न की तय सीमा से अधिक 16 किलो वज़न के दो बैग लेकर यात्रा कर रहे थे. जब उन्हें अतिरिक्त शुल्क चुकाने के लिए कहा गया तो उन्होंने इनकार कर दिया और बिना बोर्डिंग प्रक्रिया पूरी किए ज़बरन एयरोब्रिज में घुस गए, जो सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. इसके बाद सीआईएसएफ अधिकारी उन्हें वापस गेट पर लेकर आए, जहां उनका व्यवहार और आक्रामक हो गया और उन्होंने कर्मचारियों पर हमला कर दिया."

एयरलाइन के अनुसार, एक कर्मचारी बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़ा, लेकिन यात्री उसे लात-घूंसों से पीटता रहा.

एयरलाइन ने बताया कि घटना का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दिया गया है और नागरिक विमानन मंत्रालय को भी इसकी जानकारी दे दी गई है. स्पाइसजेट ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों पर हुई इस हिंसा के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करेंगे.

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घटना पर सेना का बयान image BBC

श्रीनगर में मौजूद भारतीय सेना के प्रवक्ता एसके साहू ने बीबीसी को फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और सेना जांच में सहयोग के लिए तैयार है.

प्रवक्ता ने कहा, "भारतीय सेना अनुशासन और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आरोपों को गंभीरता से लेती है. जांच में अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है."

समाचार एजेंसी पीटीआई ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया, "26 जुलाई को स्पाइसजेट के कर्मचारियों से अतिरिक्त सामान शुल्क को लेकर विवाद के बाद हमला करने के आरोप में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115 के तहत मामला दर्ज किया गया है. यह धारा जानबूझकर चोट पहुंचाने के अपराध से जुड़ी है."

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नो फ़्लाई लिस्ट क्या होती है?

अब स्पाइसजेट ने अधिकारी को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

आइए जानते हैं कि 'नो-फ्लाई लिस्ट' क्या होती है और इसके ज़रिए किसी व्यक्ति को हवाई यात्रा करने से कैसे रोका जाता है.

नो-फ्लाई लिस्ट उन यात्रियों की सूची होती है जिन्हें हवाई जहाज़ में यात्रा करने से अस्थायी या स्थायी रूप से रोका जाता है. यह सूची एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) मिलकर तैयार करते हैं.

अगर कोई यात्री फ्लाइट के अंदर या एयरपोर्ट पर हिंसक व्यवहार करता है, मारपीट करता है, धमकी देता है या विमानन नियमों का गंभीर उल्लंघन करता है, तो एयरलाइन उसकी शिकायत डीजीसीए को भेजती है. जांच के बाद डीजीसीए उस यात्री को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल सकता है.

डीजीसीए के नियमों के अनुसार, यात्री पर बैन की अवधि तीन स्तरों में तय होती है:

  • पहला स्तर (अधिकतम 3 महीने तक): बदसलूकी, जैसे गाली-गलौज
  • दूसरा स्तर (अधिकतम 6 महीने तक): हिंसक हरकत, जैसे धक्का-मुक्की या मारपीट
  • तीसरा स्तर (कम से कम 2 साल या स्थायी प्रतिबंध): जानलेवा हमला या विमान की सुरक्षा को ख़तरा

अगर किसी व्यक्ति को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला गया है, तो वह 60 दिनों के भीतर नागर विमानन मंत्रालय की ओर से गठित समिति में अपील कर सकता है. अगर वहां से भी राहत नहीं मिलती, तो व्यक्ति न्यायालय का रुख़ कर सकता है.

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के अनुसार, वर्ष 2020 से 2023 के बीच 149 यात्रियों को 'नो-फ्लाई लिस्ट' में डाला गया था.

image Getty Images सेना का कहना है कि उनकी तरफ़ से जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा (सांकेतिक तस्वीर) हफ़्ते भर के भीतर दूसरी घटना

कुछ दिन पहले, मुंबई से कोलकाता जा रही इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक व्यक्ति को थप्पड़ मारने का मामला चर्चा में आया था.

इसके बाद इंडिगो एयरलाइंस ने सहयात्री को थप्पड़ मारने वाले व्यक्ति को नो फ्लाई लिस्ट में डाल दिया था.

यह घटना गुरुवार, 31 जुलाई को इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E138 में हुई थी, जो मुंबई से कोलकाता जा रही थी. इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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