ऐसे लोग जो हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं उन सभी को समिति के रखरखाव और कल्याण के लिए मेंटेनेंस शुल्क का भुगतान करना होता है. क्या आपको इस बात की जानकारी है कि घर के मालिक द्वारा भुगतान किए गए मेंटेनेंस शुल्क के लिए जीएसटी के क्या नियम है? कई मामलों में रखरखाव शुल्क पर 18% की दर से जीएसटी का भुगतान करना पड़ सकता है. हालांकि इसके कुछ नियम है. यदि आप भी हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं तो आपको ऐसे नियमों की जानकारी होनी चाहिए. भारत में हाउसिंग सोसाइटी या अपार्टमेंट समितियों द्वारा मेंटेनेंस पेमेंट पर जीएसटी के नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं. 1.जीएसटी लागू होने की यह है शर्त ऐसी हाउसिंग सोसायटी जिनका वार्षिक टर्नओवर यानी मेंटेंनिंग शुल्क और अन्य शुल्क सहित 20 लाख रुपये से ज्यादा है तो जीएसटी का भुगतान करना होगा. उत्तर पूर्वी राज्यहिमाचल प्रदेश उत्तर प्रदेश जैसे विशेष श्रेणी वाले राज्यों में यह सीमा 10 लाख रुपये है. इसके अलावा यदि समिति के द्वारा किसी सदस्य से महीने के 7500 रुपये या उससे ज्यादा मेंटेनेंस शुल्क के रूप में वसूलते हैं तो उस पर जीएसटी लगेगा. फिर भले ही समिति का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम हो. 2. किस दर से वसूला जाएगा जीएसटी हाउसिंग सोसायटी के मेंटेनेंस शुल्क पर जीएसटी 18% की दर से लागू होता है. मेंटेनेंस शुल्क में सभी प्रकार के शुल्क जैसे सामान्य रख-रखाव, लिफ्ट, सिक्योरिटी, साफ-सफाई आदि शामिल होते हैं. 3. क्या इनपुट टैक्स क्रेडिट का मिलेगा फायदा यदि हाउसिंग सोसायटी जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड है तो वह मेंटेनेंस से जुड़े खर्च पर प्राप्त हुए भुगतान के लिए जीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकती है. इस समिति पर टैक्स की लायबिलिटी काम हो जाएगी. 4. कब नहीं देना होगा जीएसटी- यदि हाउसिंग सोसायटी के प्रत्येक सदस्य मेंटेनेंस शुल्क के रूप में 7500 रुपये या उससे कम का भुगतान करते हैं. और हाउसिंग सोसायटी का टर्नओवर 20 लाख ररुपये से कम है तो जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा. - यदि हाउसिंग सोसायटी को दिए जा रहे हैं मेंटेनेंस शुल्क में पानी, बिजली, नगर पालिका कर जैसे गैर करयोग्य शुल्क भी शामिल है तो भी इन पर जीएसटी लागू नहीं होगा. 5. कब जीएसटी का पंजीकरण कराना जरूरी होगा यदि समिति का सालाना टर्नओवर 20 लाख रुपये से ज्यादा या विशेष राज्यों में 10 लाख रुपये से ज्यादा है तो ऐसी सोसाइटीज के लिए जीएसटी पंजीकरण करना जरूरी होता है. इसके साथ ही समय-समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल करना भी अनिवार्य होता है. 6. कम दर पर जीएसटीकॉम्पोजिशन स्कीम के अंतर्गत छोटी समितियां जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये तक होता है. उन्हें कम दर पर जीएसटी का भुगतान करना होगा. हालांकि उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिल पाएगा.
You may also like
Scorching Heatwave Grips Madhya Pradesh: Temperatures Soar Beyond 44°C in Several Districts
Sinthan Top Closed for Traffic Due to Heavy Snowfall on NH 244: Two-Day Suspension Announced
छत्तीसगढ़ में प्रेमी ने पुलिस से गर्लफ्रेंड की मांग की, खुदकुशी की दी धमकी
हरियाणा में राशन कार्ड धारकों के लिए नई चुनौतियाँ
वास्तु शास्त्र में भोजन से जुड़ी अहम बातें: बेड पर खाने से क्यों आती है दरिद्रता और अशांति