भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील की घोषणा हो गई। व्यापारिक तनाव और टैरिफ युद्ध के बीच जिनेवा में 10-11 मई 2025 को हुई दो दिवसीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने व्यापारिक तनाव को कम करने के लिए एक समझौते पर सहमति जताई है, जो अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने में मदद कर सकता है।अमेरिका चीन की इस ट्रेड वार्ता में अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने इस वार्ता में भाग लिया, जबकि चीन का नेतृत्व उपप्रधानमंत्री हे लाइफेंग ने किया। हालांकि, टैरिफ कटौती पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं हुई। अमेरिका-चीन ट्रेड डील की प्रगतिअमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिनेवा में दो दिनों की उच्च स्तरीय वार्ता के बाद यह समझौता हुआ है। इस वार्ता में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। जिसमें बढ़ते व्यापार घाटे और वास्तविक व्यापार युद्ध के कारण उत्पन्न हुए तनाव को कम करने के प्रयास पर बातचीत की गई। स्कॉट बेसेन्ट ने बताया कि अमेरिका और चीन के बीच महत्वपूर्ण ट्रेड वार्ता में प्रगति हासिल हुई है। उन्होंने मेजबानी के लिए स्विस सरकार को धन्यवाद भी दिया। साथ ही यह कहा कि जिनवा में हुई अमेरिका चीन की ट्रेड वार्ता पर एक संयुक्त बयान जारी करने के लिए तैयार हैं। जेमिसन ग्रीर ने इस दो दिवसीय बैठक को बहुत रचनात्मक बताते हुए कहा कि दोनों देश बहुत जल्द ही एक समझौते पर पहुंच गए। जिससे यह पता चलता है कि दोनों के बीच के मतभेद शायद इतने बड़े नहीं थे जितना सोचा गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में 1.2 ट्रिलियन डॉलर का भारी व्यापार घाटा है इसलिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था। साथ ही टैरिफ भी लगाए गए। चीन के साथ हो रहे इस समझौते से राष्ट्रीय आपातकाल को हल करने के दिशा में सहायता मिल सकती है। अमेरिका चीन की ट्रेड डील चीन का बयान चीन के उप प्रधानमंत्री हे लाइफ़ेंग ने इस मामले पर कहा कि दोनों देश महत्वपूर्ण समझौते पर पहुंच चुके हैं। यह बैठक एक महत्वपूर्ण पहला कदम था। पहले अमेरिकी सरकार ने चीन पर भारी टैरिफ लगना शुरू किया था। लेकिन जिनेवा में हुई ट्रेड वार्ता उस आपातकाल का जवाब देने की प्रशासन की योजना है। क्या टैरिफ से मिलेगी चीन को राहत? दोनों देशों के बीच हुई ट्रेड वार्ता में टैरिफ कम करने को लेकर कोई संकेत नहीं दिए गए। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि चीन पर लगाए गए 145% टैरिफ को कम करके 80% या उससे नीचे किया जा सकता है।एक प्रस्ताव के अनुसार, टैरिफ को 50-65% तक कम करने पर विचार हो रहा है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय बाकी है। यह कदम वैश्विक बाजारों को राहत दे सकता। अमेरिका चीन कि ट्रेड डील का भारत पर असर अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड डील का भारत पर कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है, जो आर्थिक, व्यापारिक और भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। यह भारत के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों लेकर आएगी। भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता तकनीकी नवाचार निर्यात रणनीति पर फोकस करके वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को मजबूत करना होगा।
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