जब भी आप मार्केट में खरीदारी करने के लिए जाते हैं तो अपने साथ कैश, कार्ड या मोबाइल फोन तो रखते ही होंगे ताकि उनके माध्यम से आप पेमेंट कर सके। भारत में अक्सर कैश या क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड के माध्यम से या फिर क्यूआर कोड स्कैन करके यूपीआई माध्यम से पेमेंट किया जाता है। देश में ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे पड़ोसी देश चीन में पेमेंट करने के लिए कैश, कार्ड या फोन के क्यूआर कोड स्कैनर की भी आवश्यकता नहीं है। केवल हाथ दिखाकर ही वहां भुगतान हो रहा है। जी हां, आपने सही पढ़ा। बिना कार्ड, कैश और क्यूआर कोड के माध्यम से भी पेमेंट हो रहा है।
भारत से कई साल आगे चीन?ऐसा लग रहा है जैसे चीन तकनीक के मामले में भारत से कई साल आगे चल रहा है। भारत में अभी यूपीआई पेमेंट ही बढ़ रहा है। कई जगह तो लोग अभी भी यूपीआई पेमेंट की ही शुरुआत कर रहे हैं। भारत में अब जगह जगह ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है। चीन में तो क्यूआर पेमेंट जैसे पुरानी बात हो गई। वहां लोग खरीदारी करने के लिए न ही कार्ड लेकर चलते हैं और न ही कैश। वहां कई स्टोर्स पर केवल हथेली दिखाकर ही भुगतान हो रहा है।
हाथ दिखाने भर से होता है पेमेंट चीन में लोग जमकर खरीदारी करते हैं और जब पेमेंट की बात आती है तो बस अपना हाथ दिखाते हैं और पेमेंट हो जाता है। दरअसल, जैसे हम आधार कार्ड बनवाने जाते हैं तो बायोमैट्रिक की आवश्यकता होती है वैसे ही चीन में हथेली को स्कैन करके बैंक खातों से लिंक किया गया है। केवल हाथ की लकीरें स्कैन होने के बाद ही आसानी से भुगतान हो जाता है। इसके बाद दुकानदार के पास ग्राहक के बैंक खाते की जानकारी रजिस्टर्ड हो जाती है। वैसे पहले यह सुविधा कुछ दुकानों में शुरू की गई थी, लेकिन अब यह सुविधा तेजी से बढ़ रही है।
भारत में ऑनलाइन पेमेंट भारत में ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ते जा रहा है। छोटी किराने की दुकान हो, सब्जी के ठेले हो या बड़े मॉल में स्थित दुकानों सभी में यूपीआई के माध्यम से पेमेंट हो रहा है। भारत की यूपीआई सेवा अन्य कई देशों में भी काम कर रही है। देश में यूपीआई के 500 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हो चुके हैं। एनपीसीआई के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल पेमेंट सिस्टम के जरिये मजबूत किया जा रहा है।
भारत से कई साल आगे चीन?ऐसा लग रहा है जैसे चीन तकनीक के मामले में भारत से कई साल आगे चल रहा है। भारत में अभी यूपीआई पेमेंट ही बढ़ रहा है। कई जगह तो लोग अभी भी यूपीआई पेमेंट की ही शुरुआत कर रहे हैं। भारत में अब जगह जगह ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ रहा है। चीन में तो क्यूआर पेमेंट जैसे पुरानी बात हो गई। वहां लोग खरीदारी करने के लिए न ही कार्ड लेकर चलते हैं और न ही कैश। वहां कई स्टोर्स पर केवल हथेली दिखाकर ही भुगतान हो रहा है।
हाथ दिखाने भर से होता है पेमेंट चीन में लोग जमकर खरीदारी करते हैं और जब पेमेंट की बात आती है तो बस अपना हाथ दिखाते हैं और पेमेंट हो जाता है। दरअसल, जैसे हम आधार कार्ड बनवाने जाते हैं तो बायोमैट्रिक की आवश्यकता होती है वैसे ही चीन में हथेली को स्कैन करके बैंक खातों से लिंक किया गया है। केवल हाथ की लकीरें स्कैन होने के बाद ही आसानी से भुगतान हो जाता है। इसके बाद दुकानदार के पास ग्राहक के बैंक खाते की जानकारी रजिस्टर्ड हो जाती है। वैसे पहले यह सुविधा कुछ दुकानों में शुरू की गई थी, लेकिन अब यह सुविधा तेजी से बढ़ रही है।
भारत में ऑनलाइन पेमेंट भारत में ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ते जा रहा है। छोटी किराने की दुकान हो, सब्जी के ठेले हो या बड़े मॉल में स्थित दुकानों सभी में यूपीआई के माध्यम से पेमेंट हो रहा है। भारत की यूपीआई सेवा अन्य कई देशों में भी काम कर रही है। देश में यूपीआई के 500 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हो चुके हैं। एनपीसीआई के द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल पेमेंट सिस्टम के जरिये मजबूत किया जा रहा है।
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