त्रिची, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लिवर स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को 'विश्व लिवर दिवस' मनाया जाता है। इस अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसी कड़ी में शनिवार को तमिलनाडु के त्रिची स्थित अपोलो हॉस्पिटल्स में भी एक विशेष जागरूकता साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य लोगों को लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और यह संदेश देना था कि 'भोजन ही दवा है, दवा ही भोजन है'। इस साइक्लोथॉन का शुभारंभ तमिलनाडु के नगर प्रशासन मंत्री के एन नेहरू ने हरी झंडी दिखाकर किया। साइक्लोथॉन की शुरुआत थिल्लै नगर से हुई और इसका समापन अन्ना स्पोर्ट्स स्टेडियम में हुआ। इस आयोजन में लगभग 120 साइक्लिस्टों ने हिस्सा लिया, जिनमें डॉक्टरों के साथ-साथ आम नागरिक भी शामिल थे।
सभी प्रतिभागियों ने लिवर के स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए समाज को यह संदेश दिया कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। आयोजन के दौरान विशेषज्ञों ने लिवर रोगों से बचाव, समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. कुमारगुरुबरन ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि विश्व लिवर दिवस का मुख्य उद्देश्य जनता में लिवर रोगों के प्रति जागरूकता पैदा करना है। वर्तमान में लिवर रोगों के मामले बढ़ रहे हैं और यदि इन रोगों की प्रारंभिक अवस्था में पहचान नहीं की गई, तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं। इसलिए, इनकी शुरुआती पहचान बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, रोकथाम इलाज से बेहतर है।
उन्होंने आगे कहा कि इस लिवर दिवस की थीम भी यही संदेश देती है। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से आपका लिवर स्वस्थ रहेगा। आधुनिक युग में कई लोग जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड का सेवन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ शुरुआत में आपके लिवर में वसा जमा करते हैं, जो समय के साथ सूजन और लिवर सेल की विफलता का कारण बन सकते हैं।
--आईएएनएस
पीएसके/एएस
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