हाल ही में प्रस्तुत आम बजट में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पर लागू टीडीएस नियमों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। यह कदम टैक्स चोरी को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पहले प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने के मामलों में कुछ छूटें थीं, जिन्हें अब समाप्त कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार, सरकार को राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है और कर चोरी पर नियंत्रण भी संभव होगा।
सरकार द्वारा किए गए बदलाव
नए नियमों का विवरण-
केंद्र सरकार ने प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में टैक्स चोरी को रोकने के लिए वित्तीय अधिनियम 2025 में संशोधन किया है। यह विशेष रूप से प्रॉपर्टी बेचने पर लागू होने वाले टीडीएस के लिए है।
पहले, 50 लाख रुपये से अधिक की प्रॉपर्टी पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान था, जो खरीदार द्वारा विक्रेता को भुगतान करते समय लागू होता था। यह राशि आयकर विभाग में जमा होती थी। हालांकि, संयुक्त मालिकों के मामले में छूट दी गई थी।
पुराने नियमों की स्थिति
पहले के नियम-
संयुक्त प्रॉपर्टी के मामले में, यदि किसी प्रॉपर्टी के प्रत्येक मालिक का हिस्सा 50 लाख से कम था, तो टीडीएस नहीं काटा जाता था।
इसका कारण यह था कि यह हिस्सा टीडीएस कटने के नियमों से कम था। इसलिए, भले ही प्रॉपर्टी की कुल कीमत 50 लाख से अधिक हो, टीडीएस नहीं काटा जाता था।
नए नियमों का प्रभाव
नए नियमों के अनुसार-
वित्तीय वर्ष 2025-26 में लागू नए नियमों के तहत, टीडीएस की गणना अब प्रॉपर्टी के सभी संयुक्त हिस्सेदारों की कीमत के बजाय प्रॉपर्टी की कुल कीमत पर होगी।
यदि कुल बिक्री मूल्य 50 लाख से अधिक है, तो 1 प्रतिशत टीडीएस काटना अनिवार्य होगा, चाहे प्रॉपर्टी का एक या अधिक खरीदार हों। यह नियम कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा।
खरीदारी के समय ध्यान देने योग्य बातें
महत्वपूर्ण जानकारी-
प्रॉपर्टी खरीदते समय विक्रेता का पैन नंबर लेना आवश्यक होगा। यदि पैन नहीं है, तो टीडीएस 1 प्रतिशत के बजाय 20 प्रतिशत होगा।
विक्रेता कम टीडीएस कटवाने के लिए फॉर्म 26QB भरकर जमा करना होगा। इसके बाद, खरीदार को 15 दिनों के भीतर टीडीएस सर्टिफिकेट फॉर्म 16B भरना होगा।
शून्य टीडीएस के लिए प्रावधान
विशेष प्रावधान-
यदि विक्रेता नॉन-रेजिडेंट है, तो टीडीएस 12.5 प्रतिशत होगा। इसके लिए सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना आवश्यक है।
यदि कोई विक्रेता या खरीदार कम टीडीएस कटवाना चाहता है, तो उसे धारा 197 के तहत आवेदन करना होगा।
नियमों में बदलाव का कारण
बदलाव का उद्देश्य-
प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में यह बदलाव टैक्स नियमों का पालन सुनिश्चित करने और पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है।
टैक्स चोरी को रोकने और अधिक मूल्य वाली प्रॉपर्टी की खरीद में धांधली को रोकने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
You may also like
Weather update: राजस्थान में आज भी कई जिलों में गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी, कल से फिर बदल सकता हैं मौसम
Abhishek Sharma Sets T20 Milestone: First Indian to Cross 500 Runs in 2025
18 अप्रैल, शुक्रवार को बदलेगा इन 3 राशियों का भाग्य
क्या 'बैटलग्राउंड' से बाहर हुए आसिम रियाज? जानें पूरी कहानी!
राजस्थान में जारी रहेगा गर्मी का तांडव! मौसम विभाग ने इन जिलो के लिए जारी किया लू और धूल भरी आंधी का अलर्ट, यहां जाने ताजा अपडेट