बुजुर्गों में जोड़ों का दर्द एक सामान्य समस्या है, जो चलने में कठिनाई के साथ-साथ अन्य परेशानियों का कारण बनती है। जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, यह दर्द और भी बढ़ जाता है, जिससे प्रभावित व्यक्तियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
जोड़ों के दर्द का कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण कार्टिलेज का धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होना है। इससे हड्डियाँ आपस में रगड़ने लगती हैं, जिससे जकड़न और तेज़ दर्द की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में, हम आपको जोड़ों के दर्द से राहत पाने के कुछ उपाय बताएंगे।
जोड़ों का घुमाव: जॉइंट रोटेशन

सर्दियों में जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए जॉइंट रोटेशन एक प्रभावी उपाय हो सकता है। आप साइकिलिंग और स्विमिंग जैसी गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। ये गतिविधियाँ आपके जोड़ों को राहत देने में मदद करती हैं। नियमित सैर भी फायदेमंद हो सकती है, लेकिन चलने की गति को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
अभ्यंग का अभ्यास
अभ्यंग एक प्रकार की चिकित्सा है जिसमें विभिन्न तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है। यह न केवल जोड़ों के दर्द को कम करता है, बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालता है। आप आर्गेनिक तेल का उपयोग कर सकते हैं। तेल को गर्म करके, इसे सिर से पैर तक लगाकर कम से कम दस मिनट तक मालिश करें।
घी का सेवन

घी में कई पोषक तत्व होते हैं जो जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। इसे नियमित रूप से अपनी डाइट में शामिल करने से शरीर की नमी बनी रहती है और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। घी, तिल या जैतून के तेल का उपयोग सूजन को कम करने और जोड़ों में चिकनाई बढ़ाने में मदद करता है।
नियमित योगा
योग को आयुर्वेद में अत्यंत लाभकारी माना गया है। यदि आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। इससे आपको कुछ ही दिनों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।