आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाले सभी रोग त्रिदोष: वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होते हैं। हालांकि, इन तीनों दोषों को पूरी तरह से समझना सामान्य व्यक्ति के लिए कठिन हो सकता है। लेकिन यदि आप थोड़ा जानना चाहते हैं, तो यह समझना आवश्यक है कि सिर से लेकर छाती के मध्य तक के रोग कफ के असंतुलन से होते हैं, जबकि छाती के मध्य से पेट तक के रोग पित्त के असंतुलन से उत्पन्न होते हैं। पेट के नीचे के रोग वात के असंतुलन से होते हैं। कभी-कभी गैस के कारण सिरदर्द भी वात के बिगड़ने का संकेत होता है।
जुकाम, छींक आना और खांसी जैसे रोग कफ के असंतुलन के कारण होते हैं, और आयुर्वेद में इनसे निपटने के लिए तुलसी का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह कफ को नियंत्रित करती है। इसी तरह, पित्त के रोगों के लिए जीरे का पानी उपयोगी होता है, जबकि मेथी वात को संतुलित करती है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से पित्त को बढ़ा सकती है।
त्रिफला का महत्व
महाऋषि वागभट ने कहा है कि आयुर्वेद में अधिकांश औषधियाँ वात, पित्त या कफ को नियंत्रित करती हैं, लेकिन त्रिफला एकमात्र औषधि है जो तीनों को संतुलित करती है। वागभट जी ने त्रिफला की इतनी प्रशंसा की है कि उन्होंने इसके लाभों के बारे में 150 से अधिक सूत्र लिखे हैं।
त्रिफला का अर्थ है 'तीन फल', जो हैं: आंवला, बहेड़ा और हरड़। इन तीनों फलों से त्रिफला चूर्ण तैयार होता है। वागभट जी ने बताया है कि त्रिफला चूर्ण में इन फलों की मात्रा समान नहीं होनी चाहिए। सही अनुपात 1:2:3 होना चाहिए। उदाहरण के लिए, 200 ग्राम त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए हरड़ 33.33 ग्राम, बहेड़ा 66.66 ग्राम और आंवला 99.99 ग्राम होना चाहिए।
त्रिफला का सेवन कैसे करें
वागभट जी के अनुसार, त्रिफला का सेवन अलग-अलग समय पर करने से विभिन्न परिणाम मिलते हैं। रात को त्रिफला चूर्ण लेने से यह पेट की सफाई करता है और पुरानी कब्जियत को भी दूर कर सकता है। सुबह के समय इसका सेवन पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए किया जाता है।
यदि आपको कब्जियत से राहत चाहिए, तो रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें और उसके बाद दूध पी लें। सुबह के समय इसे शहद या गुड़ के साथ लेना फायदेमंद होता है। त्रिफला का सेवन तीन महीने तक करें और फिर 20 से 25 दिन का ब्रेक लें।
स्वास्थ्य के लिए अन्य सुझाव
त्रिफला चूर्ण कई रोगों का उपचार कर सकता है। इसके अलावा, यदि आप आयुर्वेद के नियमों का पालन करते हैं, तो इसके लाभ और भी बढ़ जाते हैं। जैसे कि जंक फूड, जैसे बर्गर और नूडल्स से बचें, और हमेशा शुद्ध तेल का उपयोग करें।
यदि कोई व्यक्ति खुद त्रिफला चूर्ण नहीं बना सकता, तो वह निम्नलिखित नंबरों पर संपर्क कर तैयार चूर्ण प्राप्त कर सकता है।
त्रिफला चूर्ण की तस्वीरें
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