नकली दवाओं का बढ़ता खतरा
दुनिया भर में नकली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हर 10 में से 1 चिकित्सा उत्पाद नकली या घटिया होता है। भारत, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा उत्पादक है, भी इस समस्या से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि असली और नकली दवाओं के बीच अंतर पहचानने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
You may also like
हल्दी की खेती: किसानों के लिए लाभकारी विकल्प
अजब प्रेम की गजब कहानी: 10वीं फेल ऑटोड्राइवर को हुआ गौरी मैम से प्रेम, फ्रांस जाकर किया प्रपोज. फिर आया कहानी में अजीव मोड़ ˠ
आचार्य बालकृष्ण ने बताया शुगर कंट्रोल करने का ऐसा नायब नुस्खा, हर रोज खाली पेट इस चीज का करना होगा सेवन, इन 3 रोगों को और देगा मिटा “ ˛
दुनिया के सबसे महंगे आलू चिप्स: एक पीस की कीमत 760 रुपये
मुजफ्फरपुर में दहेज के लिए पत्नी पर अत्याचार का मामला