ऑटोरिक्शा वाले जनता के बीच अक्सर बदनाम रहते हैं। ठीक से बात नहीं करना, हमारी बताई जगह पर जाने के लिए रेडी नहीं होना, मनमाफिक किराया वसूलना इत्यादि चीजें यात्रियों को पसंद नहीं आती है। लेकिन हर कोई ऐसा नहीं होता है। बहुत से लोग ईमानदारी की रोटी खाना भी पसंद करते हैं।
अब केआर पुरम (बेंगलुरु) के नजदीक रहने वाले 54 वर्षीय कुमार डी को ही ले लीजिए। कुमार ऑटोरिक्शा चलाने का काम करते है। बीते गुरुवार कुमार के ऑटो में एक शख्स जल्दबाजी में अपना नोटों से भरा बैग भूल गया था। ऐसे में इस गरीब ऑटो चालक के मन में लालच की एक बूंद तक नहीं आई। उसने तुरंत अपने यात्री को ढूंढा और उसे नोटों से भरा बैग लौटा दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे सम्मानित भी किया।
दरअसल मुंबई निवासी 33 साल के अमित कुमार पांडे कॉटनपेट से ऑटो में बैठे थे। वे चामराजपेट के ईदगाह मैदान के नजदीक कुमार के ऑटो से उतर गए। अमित जैसे ही ऑटो से उतरे तो एक अन्य महिला ने कुमार का ऑटो रोक लिया। उस महिला को श्रीनगर जाना था। महिला जब ऑटो में बैठी तो उसे अमीर का भुला हुआ बैग नजर आया। उसने इस बारे में कुमार को बताया। इसके बाद ऑटो चालक ने बैग लौटाने का मन बना लिया।
हालांकि वह अपनी हाथ की सवारी भी खोना नहीं चाहता था, इसलिए पहले उसने महिला को ऑटो से छोड़ा और फिर अमित को बैग लौटाने के लिए खोजने लगा। उसे याद आया कि अमित एक दुकान पर जाने वाले थे। वह उसी दुकान पर गया और अमित के बारे में पूछा। दुकानदार ने अमित को फोन लगा बुलाया लिया। अमित वहां पुलिस के साथ पहुंचा। इसके बाद ऑटो चालक और पुलिस की मौजूदगी में अमित ने बैग के अंदर रखे पैसे चेक किए। इसमें पूरे 2.6 लाख रुपये थे।
ऑटो वाले की ईमानदारी से अमित बहुत खुश हुए और उसे इनाम के तौर पर 3 हजार रुपए दे दिए। वहीं डिप्टी कमीश्नर ऑफ पुलिस (वेस्ट) संजीव एम पाटिल भी ऑटो वाले की ईमानदारी से इंप्रेस हुए। उन्होंने कुमार को इनाम के रूप में 5 हजार रुपए दिए। इसके साथ ही उसे ईमानदारी के लिए एक सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
अमित मुंबई की एक कंपनी में बतौर मैनेजर काम करते हैं। वह बेंगलुरु में एक क्लाइंट्स से पैसे लेने आए थे। जल्दबाजी में वे पैसों से भरा बैग ऑटो में ही भूल गए थे। लेकिन भला हो कुमार जैसे ईमानदार ऑटोवाले का जिसने उनके पूरे पैसे लौटा दिए।
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