बिहार चुनाव के लिहाज आज सोमवार का दिन अहम है, दूसरे चरण के नामांकन की अंतिम तारीख है। एनडीए ने तो सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया है, उम्मीदवारों की घोषणा भी हुई है, लेकिन महागठबंधन में अभी भी घमासान जारी है।
सीट शेयरिंग को लेकर कोई फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है, पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार अलग से घोषित करने शुरू कर दिए हैं।
एक तरफ कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों की चार सूचियां जारी की जा चुकी हैं, तो वहीं आरजेडी ने भी कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई है, यानी महागठबंधन के साथी ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
राजद नेताओं का कहना है कि 7 से 8 सीटों पर फ्रेंडली फाइट रहने वाली है। इनमें कुटुंब सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस ने पहले ही राजेश राम को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
इसी तरह राजद और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई वैशाली और लालगंज सीट पर भी देखने को मिलेगी। वैशाली से कांग्रेस ने संजीव सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद ने अभय कुशवाहा को टिकट दिया है। लालगंज सीट से कांग्रेस ने आदित्य राज को मैदान में उतारा है और राजद ने शिवानी सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
पहले चरण के नामांकन के दौरान भी महागठबंधन सीट शेयरिंग पर आम सहमति नहीं बना पाई थी। अब जब दूसरे चरण का नामांकन समाप्त होने जा रहा है, तब भी स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। जानकारों का मानना है कि महागठबंधन की इस स्थिति का नुकसान चुनावी नतीजों में दिखाई दे सकता है। दूसरी ओर, एनडीए अभी से ही चुनावी बढ़त बनाने का दावा कर रहा है। उसकी तरफ से दावा हुआ है कि इस बार के बिहार चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को अप्रत्याशित लाभ मिल सकता है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर उनकी सरकार बनेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने जा रहे हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को कराया जाएगा। बिहार चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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