एक रहस्मय मंदिर जिसका नाम मेहर देवी मंदिर है और जो की सतना जिले में स्थित है | यहाँ माँ शारदा के साथ साथ अन्य मुर्तिया भी जैसे की नरसिम्ह भगवान् की मूर्ति यहाँ प्रसिद्ध है | असल में इस मंदिर में रात्रि में आने वाले भक्त सुबह का सूरज नहीं देख पाते है | ऐसा इसलिए है क्योंकि इस मंदिर को स्थापित करने वाला २ भक्तो की आत्मा यहाँ रात को आती है और इसके पीछे काफी बड़ी कहानी है जो हम आपको बताने वाले है |
रात्रि में 2 – 5 जाना वर्जित हैकाफी सालो पहले इस मंदिर का निर्माण हुआ था जो की लगभग 502 ई. में हुआ था | यहाँ दो सहनशाओ की भी मुर्तिया है और माना जाता है की भक्तो को माता के दर्शन के साथ साथ ही उनके भी दर्शन जरुरी करने चाहिए | इन दोनों का नाम है उदल और आल्हा जो की एक समय में शारदा माँ पर अपनी जान तक न्योछावर करने को तैयार थे क्योंकि वे उनके सच्चे भक्त थे | कहा जाता है की उदल और आल्हा माँ की पूजा करने रात के 2 बजे से 5 बजे के बिच आते थे और आज भी उनका आना जाना यहाँ होता रहता है |
ऐसा इसलिए क्योंकि वे दोनों माँ के दर्शन सर्वप्रथम करना चाहते थे और हमेशा ऐसा ही करते थे | और इसी दौरान वे दोनों माँ शारदा का अपने हाथो से श्रृंगार भी कर जाते है | इस समय मंदिर को सख्ती से बंद कर दिया जाता है और किसी को भी इस दौरान अंदर जाके दर्शन करने की अनुमति नहीं है और यदि ऐसा कोई करता है तो वह मृत पाया जाता है बिना किसी घाव बिना किसी रोग उसकी मृत्यु पक्की है |
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