New Delhi, 27 अक्टूबर . बच्चों में ठंडी हवाओं और प्रदूषण के कारण अचानक छींक और नाक बहने की समस्या होना आम बात है. खासकर जब बच्चे शुष्क, ठंडी हवा में खेलते हैं या बाहर जाते हैं, तो उनके शरीर की इम्यूनिटी तुरंत प्रतिक्रिया करने लगती है.
ऐसे में आप देखेंगे कि नाक बहने लगती है, बार-बार छींक आती है और कभी-कभी छाती में हल्की जकड़न या नाक बंद होने जैसा महसूस होता है. बच्चों में यह असहजता उन्हें चिड़चिड़ा या बेचैन भी बना सकती है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि बच्चा बार-बार पानी पीने के लिए मांगता है.
प्रदूषण भी इस समस्या को और बढ़ा देता है. धूल, धुआं और कारों के धुएं में मौजूद कण बच्चों की नाक और श्वसन मार्ग को परेशान कर सकते हैं, जिससे सर्दी-जुकाम के लक्षण और तेज हो जाते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को बहुत सतर्क रहना चाहिए. बच्चे को बाहर ले जाते समय गर्म कपड़े पहनाना, ठंडी हवाओं में लंबे समय तक न रहने देना और घर में एयर प्यूरीफायर या वेंटिलेशन का ध्यान रखना मददगार साबित हो सकता है.
होम्योपैथिक दवाएं भी इस स्थिति में आराम दिलाने में कारगर हो सकती हैं. ये दवाएं न सिर्फ लक्षणों को कम करती हैं बल्कि रिकवरी को भी बढ़ावा देती हैं. बच्चों को दवा देते समय हमेशा उनकी उम्र और लक्षणों का ध्यान रखें और अगर लक्षण ज्यादा बढ़ें या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके साथ ही घर में हाइड्रेशन का ख्याल रखना जरूरी है. बच्चे को बार-बार छोटे-छोटे घूंट पानी पिलाने से नाक की सूजन और गले की खराश में राहत मिल सकती है.
थोड़ी सतर्कता, सही कपड़ों का चुनाव, घर में साफ-सफाई और होम्योपैथिक मदद से आप अपने बच्चे को सुरक्षित और आरामदायक रख सकते हैं. सही देखभाल से बच्चे जल्दी ठीक होते हैं और उनकी रोजमर्रा की गतिविधियां भी सामान्य रहती हैं.
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पीआईएम/एबीएम
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