नई दिल्ली, 12 अप्रैल . भारत जैसे विशाल देश में, जहां एक अरब से अधिक लोग रहते हैं, हर व्यक्ति को यह अहसास कराना कि उसकी परवाह की जा रही है, एक असाधारण बात है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी संवेदनशीलता और नीतियों के माध्यम से यह संभव कर दिखाया है. राजकोट, गुजरात के विपुल पित्रोड़ा की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिन्होंने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) का सहारा लिया और इस दौरान उन्हें न केवल आर्थिक मदद मिली, बल्कि देश के सबसे बड़े नेता से भावनात्मक समर्थन भी प्राप्त हुआ.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ए्क्स पर मोदी आर्काइव अकाउंट पर की गई पोस्ट पर विपुल पित्रोड़ा की बेटी के इलाज में पीएमजेएवाई योजना का योगदान, पीएम मोदी की संवेदनशीलता और जागरूकता को दर्शाती जानकारी दी गई. पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो में विपुल पित्रोड़ा बताते हैं कि वह दिव्यांग हैं और उन्हें पोलियो है. इसके बावजूद उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. अपने बच्चों और माता-पिता की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. लेकिन जब उनकी छोटी बेटी को गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया, तो विपुल की जिंदगी में अंधेरा छा गया.
जांच में पता चला कि उनकी बेटी के शरीर में छह इंच की एक गांठ है, जिसके इलाज के लिए भारी खर्च की जरूरत थी. विपुल ने बताया, “मैं बहुत परेशान था कि बेटी के इलाज के लिए इतना पैसा कहां से लाऊंगा. मेरे पास इतने पैसे नहीं थे.”
इस मुश्किल घड़ी में उनके एक दोस्त ने उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में बताया. यह योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो गरीब और कमजोर परिवारों को मुफ्त इलाज प्रदान करती है. विपुल ने इस योजना के तहत अपनी बेटी का इलाज करवाया. उन्होंने कहा, “योजना ने मेरे पैसों की सारी चिंता दूर कर दी और मेरी बच्ची का इलाज बहुत अच्छे से हुआ.”
इलाज के बाद विपुल ने डॉक्टरों, नर्सों और अस्पताल के सभी कर्मचारियों का दिल से धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद नहीं दे पाया.”
इसके लिए विपुल ने पीएम मोदी के नाम एक पत्र लिखा और अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, “आपने न केवल मुझे बल्कि मेरी बच्ची को भी जीवनदान दिया. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया.”
विपुल को उम्मीद नहीं थी कि इतने बड़े नेता उनके पत्र का जवाब देंगे. लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद एक पत्र के जरिए जवाब दिया, तो विपुल अभिभूत हो गए. पीएम के पत्र में एक पिता की उस डर, बेचैनी और बेबसी का जिक्र था, जो अपनी बेटी को जिंदगी के लिए जूझते देख रहा था. विपुल ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लगा कि पीएम मोदी छोटे लोगों का भी ध्यान रखते हैं. जब पीएम मोदी हमारे साथ हैं, तो लगता है कि पूरा देश हमारे साथ है.”
विपुल ने इसे अपनी बेटी का “दूसरा जन्म” बताया. उन्होंने कहा, “हमारी बच्ची को वापस दूसरा जन्म मिला, इसलिए दिल से पीएम मोदी मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं.”
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