नई दिल्ली, 15 अप्रैल . जेके टेक के फाउंडर चेयरमैन अभिषेक सिंघानिया ने एआई को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि इससे स्टार्टअप्स और युवा पीढ़ी को प्रोत्साहन मिलेगा.
सिंघानिया ने यहां एक कार्यक्रम से इतर समाचार एजेंसी से बात करते हुए यह बात कही. एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने एआई के लिए बहुत अच्छे काम किए हैं. खासकर जो उन्होंने इतना बड़ा बजट दिया है. आज सरकार के हर विभाग में एआई को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे निश्चित रूप से एआई में काम करने वाली नई कंपनियों और युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा कि सरकार भी उन्हें समर्थन दे रही है.”
उल्लेखनीय है कि सरकार ने केंद्रीय आम बजट में 10,000 करोड़ रुपए के डीप टेक फंड की घोषणा की है.
सिंघानिया ने कहा, “भारत एआई के मामले में दुनिया में फ्रंट रनर है. बहुत से ऐसे इंजीनियर हैं जो काम कर रहे हैं. एआई के बहुत से प्रोडक्ट्स हैं जिनमें भारतीय इंजीनियर ही काम करते हैं. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज इतने साल में देश से कोई प्रोडक्ट नहीं निकला है. हमारा यह लक्ष्य था कि हम आरएंडडी में खर्च करें और एआई में एक अपना प्रोडक्ट लेकर आएं. हमने पिछले साल जेके टेक का अपना उत्पाद जीवा लॉन्च किया है.”
उन्होंने बताया कि उत्तरी अमेरिका में कंपनी के कई क्लाइंट्स हैं और इनवीनियम जीवा प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए अपने डाटा सोर्स की वैलिडेट करते हैं. यह एक यूनीक उत्पाद है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे चलकर जीवा के और भी क्लाइंट बनेंगे और हो सकता है यह भारत का एक नामी उत्पाद बन जाए जो ग्लोबली रोलआउट करे.
जेके टेक के प्रेसिडेंट एवं सीईओ समीर नागपाल ने कहा कि भारत आईटी में काफी अग्रणी है. पीएम मोदी ने इस चीज को बढ़ावा दिया है. एक अखबार में छपे लेख के हवाले से उन्होंने कहा, “वे भारत में बेस्ड एक एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) बनाने जा रहे हैं. इस तरह के सुधार जेन एआई (जेनरेटिव एआई) के क्षेत्र में हमारे काम में मददगार होंगे.”
नागपाल ने कहा कि पीएम मोदी ने देश को नए मुकाम पर पहुंचाया है, नई जगह पर पहुंचाया है. उन्होंने कहा, “मैं बोस्टन में रहता हूं. जब मैं भारत को देखता हूं तो यह बिल्कुल अलग भारत है. भारत के बारे में लोगों की सोच सकारात्मक है.”
उन्होंने बताया कि हम जेन एआई पर काफी काम कर रहे हैं, अत्याधुनिक तकनीक पर काम कर रहे हैं, और यही देश के स्टार्टअप्स की मदद कर रही है. बड़ी कंपनियों में आम तौर पर परंपरागत तकनीक पर काम होता है.
डाटा के सही इस्तेमाल की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आज की तारीख में डाटा नया ईंधन है. डाटा सबके पास है. हम इसका इस्तेमाल कैसे करें कि हमें नई जानकारी मिल सके… उदाहरण के लिए हर कंपनी के पास सही और गलत दोनों तरह के डाटा होते हैं. सही डाटा के आधार पर लिए गए निर्णय सही परिणाम देंगे.
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एकेजे/जीकेटी
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