आरा (भोजपुर), 11 अप्रैल . बिहार में गुरुवार को अचानक आई भीषण आंधी और बारिश ने आरा के बड़हरा प्रखंड स्थित महुली घाट के पास बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले पीपा पुल को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. गंगा नदी पर बना यह अहम लाइफलाइन चार से पांच हिस्सों में टूट गया है, जिससे हजारों लोगों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है.
राहत की बात यह रही कि जब आंधी आई, उस समय पुल पर मौजूद लोग समय रहते किसी तरह दूसरी ओर पहुंच गए और कोई जनहानि नहीं हुई. हालांकि, लोगों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है.
इस पुल के टूटने से भोजपुर, बलिया, छपरा और खवासपुर जैसे क्षेत्रों के 50 हजार से अधिक ग्रामीण और राहगीर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. प्रतिदिन इस मार्ग से करीब 25 हजार लोग गंगा पार करते थे, जो अब जान जोखिम में डालकर नावों के सहारे सफर करने को मजबूर हैं.
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, कम क्षमता वाली छोटी नावों पर 12 से 15 मोटरसाइकिल के साथ दर्जनों लोगों को भरकर गंगा पार कराया जा रहा है. यह पूरी तरह जोखिम भरा है, लेकिन आवागमन बंद होने के कारण लोगों के पास कोई और विकल्प नहीं है.
स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि इस अस्थायी पीपा पुल की जगह एक स्थायी और मजबूत पुल का निर्माण किया जाए, ताकि हर साल आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को राहत मिल सके और आवाजाही बाधित न हो.
वहीं, संबंधित अधिकारी पुल के टुकड़ों को फिर से जोड़ने और यातायात बहाल करने में जुटे हुए हैं, लेकिन गंगा का बढ़ा हुआ बहाव और मौसम की अनिश्चितता राहत कार्य को चुनौतीपूर्ण बना रही है.
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डीएससी/एबीएम
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