हैदराबाद, 7 अप्रैल . भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स में 3000 अंक से अधिक की गिरावट आई, जबकि निफ्टी भी 900 अंक से ज्यादा लुढ़क गया.
इस पर फिनटेक कंपनी गोलफाई (जीओएएलएफआई) के फाउंडर और सीईओ रॉबिन आर्या ने कहा, “आज का दिन बाजार के लिए बहुत कठिन था. हम देख रहे हैं कि निफ्टी का आईटी इंडेक्स 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, और प्रमुख कंपनियों के शेयर 7 से 10 प्रतिशत तक गिर गए हैं.” उन्होंने बताया कि इस गिरावट का मुख्य कारण ट्रंप की टैरिफ नीति और वैश्विक ट्रेड वार का डर है.
रॉबिन आर्या ने निवेशकों को शांत रहने की सलाह दी और कहा, “पैनिक-लैड सेल-ऑफ्स (घबराहट से प्रेरित बिकवाली) हमेशा दीर्घकालिक अवसर पैदा करते हैं. यही इतिहास ने हमें दिखाया है. हम विश्वास करते हैं कि घरेलू बाजारों के सेगमेंट जैसे वित्तीय क्षेत्र, एनबीएफसी, निजी बैंक, एफएमसीजी और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र इस पूरे संकट में सबसे तेज़ रिकवरी करेंगे. इन क्षेत्रों के पास मजबूत बुनियादी बातें हैं और ये वैश्विक रुझानों से कम प्रभावित होते हैं.”
उन्होंने कहा कि यह समय भावनात्मक फैसले लेने का नहीं, बल्कि अनुशासन बनाए रखने का है. आपको अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर विचार करना चाहिए और निवेश के साथ अपने लक्ष्यों को जोड़ना चाहिए.
आर्या ने कहा कि, “भारत सही दिशा में बढ़ रहा है. भारतीय बाजारों में बढ़ोतरी जारी रहेगी, और यह गिरावट कुछ समय में खत्म हो जाएगी. अगले छह-सात महीनों में हम सभी आज के दिन को भूल जाएंगे. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है, और लंबी अवधि के निवेश के लिए बने रहें.”
इस गिरावट के बावजूद, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के स्थिर विकास की उम्मीद जताई और निवेशकों को सलाह दी कि वे अपनी रणनीति पर टिके रहें और भविष्य के लिए निवेश करें.
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पीएसएम/
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