इस्लामाबाद, 12 अक्टूबर . अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी का छह दिवसीय India दौरा जारी है. इस बीच Pakistan ने 10 अक्टूबर को New Delhi में भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए Pakistan ने अफगान राजदूत को तलब किया है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की India यात्रा की शुरुआत Thursday से शुरू हुई थी. अफगानिस्तान के मंत्री के इस दौरे से Pakistan की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है. इसके बाद उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और संयुक्त बयान जारी किया.
इसके बाद Pakistan के विदेश कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अतिरिक्त विदेश सचिव (पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान) ने अफगान दूत को India और काबुल के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के संदर्भों के संबंध में इस्लामाबाद की गहरी चिंताओं से अवगत कराया.
विदेश कार्यालय ने जम्मू-कश्मीर पर Pakistan के लंबे समय से चले आ रहे रुख की पुष्टि करते हुए कहा, “यह बताया गया कि जम्मू-कश्मीर को India का हिस्सा बताना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है.”
दरअसल, India और अफगानिस्तान के संयुक्त बयान के अनुसार, अफगानिस्तान ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी. India के लोगों और Government के साथ एकजुटता भी व्यक्त की गई. इसके अलावा, दोनों ने क्षेत्रीय देशों से उत्पन्न होने वाले सभी आतंकवादी कृत्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की और शांति, आपसी विश्वास और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया.
अफगानिस्तानी विदेश मंत्री मुत्ताकी ने आतंकवाद को Pakistan का ‘आंतरिक मुद्दा’ बताया था. इस पर भी Pakistan ने आपत्ति जताई. विदेश कार्यालय ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवाद को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी Pakistan पर डालने से अफगान अंतरिम Government क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के अपने दायित्वों से मुक्त नहीं हो सकती.
विदेश कार्यालय ने याद दिलाया कि Pakistan ने चार दशकों से भी ज्यादा समय तक लगभग 40 लाख अफगान शरणार्थियों की मेजबानी की. विदेश कार्यालय ने कहा कि अफगानिस्तान में अपेक्षाकृत शांति लौटने के साथ यह उम्मीद की जाती है कि Pakistan में रह रहे अनधिकृत अफगान नागरिक अब स्वदेश लौट जाएं.
बयान में कहा गया है, “अन्य सभी देशों की तरह, Pakistan को भी अपने क्षेत्र में रहने वाले विदेशी नागरिकों की उपस्थिति को विनियमित करने का अधिकार है. इस्लामाबाद इस्लामी भाईचारे और अच्छे पड़ोसी संबंधों की भावना के साथ अफगान नागरिकों को मेडिकल और छात्र वीजा जारी करना जारी रखे हुए है.”
अफगानिस्तान के प्रति अपनी नीति को दोहराते हुए Pakistanी विदेश कार्यालय ने निष्कर्ष निकाला कि Pakistan एक शांतिपूर्ण, स्थिर, क्षेत्रीय रूप से जुड़ा हुआ और समृद्ध अफगानिस्तान देखना चाहता है और वह दोनों देशों के बीच व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क बढ़ाने वाले प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा.
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केके/वीसी
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