New Delhi, 22 सितंबर . सूखे मेवे यानी ड्राई फ्रूट्स स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए किसी खजाने से कम नहीं होते. बचपन से ही बताया जाता है कि बादाम तेज दिमाग के लिए अच्छे होते हैं, किशमिश खून बढ़ाती है और काजू दिल को ताकत देते हैं. लेकिन, इनमें से एक सूखा मेवा अखरोट, जो दिखने में किसी दिमाग की तरह लगता है, वह सचमुच दिमाग को ताकत देने में माहिर होता है.
आयुर्वेद से लेकर मेडिकल साइंस तक, हर किसी ने अखरोट के फायदों को गिनाया है.
आयुर्वेद के अनुसार, अखरोट की तासीर गर्म होती है और यह वात को संतुलित करता है, यानी यह जोड़ों के दर्द, गैस या पाचन से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने में मददगार हो सकता है.
वहीं, विज्ञान की मानें तो अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, मेलाटोनिन, फाइबर, प्रोटीन, और कई जरूरी मिनरल्स जैसे मैग्नीशियम, कॉपर, फॉस्फोरस और मैंगनीज पाए जाते हैं, जो पूरे शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं.
आयुर्वेद और विज्ञान दोनों के मुताबिक, अखरोट खाने का सबसे सही समय शाम का वक्त है. अखरोट में मौजूद मेलाटोनिन एक ऐसा तत्व है, जो नींद के हॉर्मोन को सक्रिय करता है. जब आप इसे शाम के समय खाते हैं, तो यह दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करता है, तनाव को घटाता है और गहरी नींद लाने में सहायक होता है.
इतना ही नहीं, अखरोट का रोजाना सेवन ब्रेन फंक्शन को सुधारने में मदद करता है. इससे आपकी याददाश्त तेज होती है, फोकस बेहतर होता है और मूड भी स्थिर रहता है. यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोगों के लिए एक नेचुरल ब्रेन टॉनिक की तरह काम करता है.
डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए भी अखरोट काफी फायदेमंद है. इसमें मौजूद भरपूर फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है. इसके साथ ही, इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण कई तरह के कैंसर से भी बचाव कर सकते हैं.
दिल की सेहत की बात करें, तो अखरोट को दिल के लिए ‘फ्रेंडली फूड’ माना जाता है. इसमें जो हेल्दी फैट्स होते हैं, वो खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं और दिल की धमनियों को साफ रखते हैं.
यही नहीं, अखरोट वजन घटाने की प्रक्रिया में भी सहायक होता है क्योंकि ये पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है और बार-बार भूख लगने से रोकता है.
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पीके/एबीएम
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