New Delhi, 2 सितंबर . भारत में हर साल 1 से 7 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को संतुलित और पौष्टिक आहार के महत्व के प्रति जागरूक करना है. इस वर्ष 2025 की थीम ‘बेहतर जीवन के लिए सही खाएं’ है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को संतुलित आहार अपनाने और कुपोषण से निपटने के लिए प्रेरित करती है.
यह सप्ताह स्वास्थ्य मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है, जिसमें पोषण अभियान, मिड-डे मील योजना और एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) जैसी योजनाओं का समर्थन होता है.
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुआत 1982 में Government of India द्वारा की गई थी, जब कुपोषण एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा था. इसका मुख्य लक्ष्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और बुजुर्गों में पोषण की कमी को दूर करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पोषण शरीर की ऊर्जा और विकास के लिए आवश्यक है. खाद्य सुरक्षा 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 74 प्रतिशत आबादी स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकती, और 39 प्रतिशत लोग पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं. यह सप्ताह इन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करता है.
इस सप्ताह के दौरान, देशभर में स्वास्थ्य शिविर, सेमिनार, वेबिनार और सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाती है, जबकि आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और माताओं को पोषण संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. लोगों को ताजे फल, सब्जियां और कम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे फल और सब्जियों में पोषक तत्व अधिक होते हैं, और इन्हें छिलके समेत खाने से पोषण की पूर्ति होती है.
2025 की थीम ‘बेहतर जीवन के लिए सही खाएं’ लोगों को मौसमी और स्थानीय खाद्य पदार्थों के सेवन पर जोर देती है. यह थीम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है, जो सभी के लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने पर केंद्रित है. विशेषज्ञों ने जंक फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी है, क्योंकि ये मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं. इसके बजाय, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन डी और आयरन से भरपूर आहार लेने की सिफारिश की गई है.
सरकार की पोषण योजनाओं, जैसे पीएम पोषण योजना, ने स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करके कुपोषण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस योजना का उद्देश्य स्कूल में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित करना है.
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है. यह समाज को कुपोषण, मोटापा और पोषक तत्वों की कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एकजुट होने का अवसर देता है. सभी से अपील है कि वे अपने आहार में संतुलन बनाएं और स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें.
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एससीएच/जीकेटी
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