अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर की एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत 1 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दी थी। इसके अलावा, क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम के तहत 1.4 बिलियन डॉलर की फंडिंग भी दी गई। अब रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को IMF से फिर से लोन मिलने की संभावना है। IMF ने भी यह पुष्टि की है कि पाकिस्तान के लिए अगली फंडिंग का रिव्यू 2025 की दूसरी छमाही में किया जाएगा।
पाकिस्तान की आर्थिक प्राथमिकताएं
IMF ने कहा है कि उनकी मुख्य प्राथमिकता स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान द्वारा मीडियम टर्म टारगेट रेंज 5-7 प्रतिशत के भीतर महंगाई को नियंत्रित रखना है, जिससे देश में चल रहे आर्थिक स्थिरीकरण प्रयासों को मजबूती मिले।
IMF के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने देश के राजस्व प्रबंधन को उचित तरीके से संचालित करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस रणनीति के तहत सरकार वित्त वर्ष 2026 में GDP अधिशेष 1.6 प्रतिशत तक बनाए रखने का लक्ष्य रख रही है। इसे प्राप्त करने के लिए व्यापक आर्थिक स्थिरता आवश्यक है। GDP अधिशेष का मतलब है कि अर्थव्यवस्था में उत्पादन उपभोग से अधिक हो।
IMF का पाकिस्तान में स्टाफ दौरा पूरा
IMF महंगाई में वृद्धि, घटते विदेशी भंडार और स्थानीय मुद्रा की गिरावट के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट से निपटने के लिए पाकिस्तान की सहायता कर रहा है ताकि वहां की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सके। IMF ने शनिवार को बताया कि उसने पाकिस्तान का स्टाफ दौरा पूरा कर लिया है। इस दौरे के दौरान पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ वित्त वर्ष 2026 के बजट प्रस्ताव, आर्थिक नीतियों और फंडिंग सुधारों पर चर्चा की गई। IMF ने पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ आगामी दिनों में बजट पर सहमति बनने की दिशा में बातचीत जारी रखने का भी आश्वासन दिया है।
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