पंजाब में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने हालात गंभीर कर दिए हैं। सतलुज, ब्यास और रावी नदियां अपने चरम जलस्तर पर हैं, जबकि मौसमी नाले भी खतरे का संकेत दे रहे हैं। इसका सीधा असर राज्य के कई जिलों के गांवों और कस्बों पर पड़ रहा है। कई इलाकों में पानी भर गया है, खेत डूब गए हैं और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी मुश्किलों में फंस गई है। इन हालातों को देखते हुए प्रशासन ने कई जिलों में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है।
होशियारपुर में दो दिन स्कूल बंद
होशियारपुर की उपायुक्त आशिका जैन ने भारी बारिश और जलभराव की स्थिति को देखते हुए 26 और 27 अगस्त को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।
बारिश के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं और स्कूल तक पहुंचना कठिन हो गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, इसलिए प्रशासन ने पहले से ही सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
पठानकोट में सभी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश
पठानकोट जिला प्रशासन ने भी इसी तरह का कदम उठाया है। लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए 26 अगस्त को स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर सभी बंद रखने का आदेश दिया गया।
उपायुक्त आदित्य उप्पल के अनुसार, यह फैसला बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उझ और रावी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे भारत-पाक सीमा के पास बसे कई गांवों में भी पानी घुस गया है।
फाजिल्का के 20 गांवों में खतरे की चेतावनी
फाजिल्का जिले की स्थिति और गंभीर है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि 26 से 28 अगस्त तक सतलुज नदी के किनारे बसे 20 गांवों के सभी स्कूल बंद रहेंगे। जिन इलाक़ों में अवकाश घोषित किया गया है, उनमें मुहर जामशेर, तेजा रुहेला, चक रुहेला, डोना नांका, महातम नगर और राम सिंह भैणी शामिल हैं।
यहां लगातार बारिश और नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने ‘ठिकरी पहरा’ लगाने के आदेश भी जारी किए हैं, यानी गांव वाले चौकसी करेंगे और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगे।
अमृतसर में भी हाई अलर्ट
अमृतसर जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए 26 अगस्त को अजनाला और रैया क्षेत्र के सभी स्कूल बंद करने का आदेश दिया। यहां भी ब्यास और रावी नदियों में पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
खेतों और गांवों में जलभराव से हालात बिगड़े
ब्यास नदी का पानी रविवार शाम को मुकेरियां उपमंडल के कई गांवों—मोटला, हालेर जनार्दन, सनिआल, कोलियां और मेहताबपुर—के खेतों में भर गया। इसका मुख्य कारण पठानकोट के चक्की खड्ड क्षेत्र में हुई भारी बारिश बताई जा रही है। अचानक जलस्तर बढ़ने और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
सरकार कर रही नुकसान का आकलन
पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष ‘गिरदावरी’ का ऐलान कर दिया है। इसमें फसलों की क्षति और संपत्ति का नुकसान शामिल होगा। प्रभावित किसानों और परिवारों को मुआवजा देने की तैयारियां भी जारी हैं।
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