लाइव हिंदी खबर :- रविवार को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। जापान के प्रधानमंत्री ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर विभाजन से बचने के लिए यह कदम उठाया है, यह जानकारी जापान की मीडिया एनएचके ने दी है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इशिबा की गठबंधन सरकार विगत माह जुलाई में हुए ऊपरी सदन के चुनाव में बहुमत खो चुकी थी। इस बडी हार के बाद जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने इसके लिए हाल में ही माफी भी मांगी थी और कहा था कि वह इस्तीफा देने के बारे में निर्णय लेने को तैयार है।
चुनाव में हार के बाद उनकी ही पार्टी के अंदर इस “इशिबा को हटाओ” की आवाजें बुलंद होने लगी थी। पार्टी के कुछ नेता और सांसदों ने उनके नेतृत्व पर भी सवाल खड़े करना शुरु कर दिया था। जिससे उनकी स्थिति कमजोर दिखाई देने लगी थी। अब उनके हटने के बाद एलडीपी पार्टी मे नई लीडरशिप की दौड़ शुरू हो गई है।
जापानी की संसद के उच्च सदन में कुल 248 सीटें हैं। इशिबा के गठबंधन के पास कुल 75 सीटें थी, बहुमत बनाए रखने के लिए उन्हें इस चुनाव में अब कम से कम 50 सीटों की और जरूरत थी, लेकिन उन्हें सिर्फ 47 सीटें ही हासिल हो पाई थी। इनमें से एलडीपी को 39 सीटें मिली थी।
इशिबा की इस चुनावी हार को पीएम की दूसरी सबसे बडी राजनीतिक हार बताया जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर में निचले सदन का चुनाव होने के बाद अब गठबंधन दोनों सदनों में अल्पमत में चला गया था। एलडीपी पार्टी की स्थापना साल 1955 में हुई थी और यह पहला मौका था, जब दोनों सदनों में पार्टी बहुमत खो चुकी थी।
जापान में अक्टूबर 2024 में हुए चुनाव के दौरान एलडीपी और कोमेतो गठबंधन को 465 में से 215 सीटें मिली थी, जबकि बहुमत के लिए 233 सीटें चाहिए थी। इस चुनाव के दौरान एलडीपी सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी रही थी, दूसरी पार्टियां असफल रही थी, इसी वजह से बहुमत न होने पर भी इशिबा प्रधानमंत्री बने रहे थे।
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