गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी जारी है और बुधवार को नया ऑल टाइम हाई बनाया। आईबीजेए के मुताबिक, 24 कैरेट गोल्ड की कीमत में बीते 24 घंटे में 1,477 रुपये प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी हुई है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट के गोल्ड की कीमत 1,477 रुपये बढ़कर 94,579 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो कि पहले 93,102 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
22 कैरेट गोल्ड के दाम बढ़कर 92,310 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट गोल्ड की कीमत भी बढ़कर 76,610 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है।
हाजिर बाजार के साथ वायदा बाजार में भी गोल्ड की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर गोल्ड के 6 जून 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का भाव 1.90 प्रतिशत बढ़कर 95,435 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी गोल्ड की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर बनी हुई है। गोल्ड के दाम 3,320 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए हैं।
गोल्ड के दाम में तेजी की वजह वैश्विक स्तर पर अस्थिरता को माना जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार से लोग सुरक्षित माने जाने वाले गोल्ड में निवेश कर रहे हैं, जिससे गोल्ड की कीमतों को सहारा मिल रहा है।
कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च की सहायक उपाध्यक्ष, कायनात चैनवाला ने कहा कि बढ़ते व्यापार युद्ध से जुड़ी चिंताओं के कारण गोल्ड ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप के नवीनतम नीतिगत कदमों से वैश्विक स्तर पर निवेशकों में घबराहट बढ़ रही है।
निवेशक अब आगामी अमेरिकी खुदरा बिक्री डेटा और फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के भाषण पर कड़ी नज़र रख रहे हैं, जो बुधवार को होने वाला है।
2025 की शुरुआत से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपये से 18,417 रुपये या 24 प्रतिशत बढ़कर 94,579 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।
यस बैंक को आयकर विभाग से 244 करोड़ रुपये का कर नोटिसयस बैंक ने कर निर्धारण वर्ष 2016-17 के लिए 244.20 करोड़ रुपये का मांग नोटिस मिलने की बुधवार को जानकारी दी।
बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, पुनर्मूल्यांकन आदेश में पुनर्मूल्यांकन आय तथा उस पर कर की गणना के लिए निर्धारित आय के बजाय आयकर रिटर्न में बताई गई आय पर विचार किया गया।
इसमें कहा गया, इस संबंध में 15 अप्रैल, 2025 को क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी (जेएओ) ने नया आदेश पारित किया।
यस बैंक ने कहा, ‘‘उक्त सुधार आदेश के परिणामस्वरूप 244.20 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कर मांग उत्पन्न हुई है... बिना किसी ठोस वजह के इसकी काफी अधिक पुनर्गणना की गई है।’’
इसमें कहा गया, इस आदेश के विरुद्ध बैंक तत्काल आधार पर जेएओ के समक्ष सुधार आवेदन दायर करेगा क्योंकि मांग निराधार प्रतीत होती है। इसके अलावा बैंक अपील दायर करने सहित अन्य सभी उपलब्ध उपायों पर विचार करेगा।
शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 77,000 अंक के पारस्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 309.40 अंक चढ़कर फिर से 77,000 अंक के स्तर को पार कर गया। एनएसई निफ्टी में भी 108.65 अंक की बढ़त रही।
विदेशी संस्थागत निवेशकों के ताजा पूंजी प्रवाह के बीच प्रमुख कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही। खुदरा महंगाई के करीब छह साल के निचले स्तर पर आने से नीतिगत दर में और कटौती की उम्मीद से बाजार धारणा मजबूत हुई।
वैश्विक बाजार में कमजोर रुख को खारिज करते हुए बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स उतार-चढ़ाव भरे सत्र में 309.40 अंक यानी 0.40 प्रतिशत चढ़कर दो सप्ताह के उच्चतम स्तर 77,044.29 अंक पर बंद हुआ। कमजोर शुरुआत के बाद, सत्र के दौरान सूचकांक में उतार-चढ़ाव होता रहा। इस दौरान इसने 77,110.23 के उच्च और 76,543.77 अंक के निचले स्तर को छुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 108.65 अंक यानी 0.47 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,437.20 अंक पर बंद हुआ।
विश्लेषकों ने कहा कि सकारात्मक वृहद आंकड़ों और सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से निवेशकों की धारणा को बढ़ावा मिला।
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में इंडसइंड बैंक 7.12 प्रतिशत चढ़ा। इसके अलावा एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक और आईटीसी भी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में मारुति, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी और बजाज फाइनेंस शामिल हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने 6,065.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। इससे पहले, एफआईआई कई दिनों से बिकवाली कर रहे थे।
जियोजीत इनवेस्टमेंट्स लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘...वैश्विक स्तर पर, कमजोर रुख के बीच भारतीय बाजार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसका कारण यह उम्मीद है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध बढ़ने से भारत को नुकसान के बजाय लाभ होगा। इसके अलावा, मार्च महीने में खुदरा महंगाई के करीब छह साल के निचले स्तर पर आने से नीतिगत दर में आगे और कटौती की उम्मीद बंधी है।’’
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.91 प्रतिशत, तो मिडकैप 0.62 प्रतिशत चढ़ा।
बीएसई पर 2,636 शेयरों में तेजी रही, 1,309 में गिरावट रही और 133 शेयरों के मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, “प्रतिभागियों ने अनुकूल संकेतों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उल्लेखनीय रूप से, बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में निरंतर मजबूती के साथ-साथ अन्य क्षेत्रवार दिग्गज कंपनियों में खरीद ने गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे। हालांकि, चीन का शंघाई एसएसई कम्पोजिट बढ़त में रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजारों में मंगलवार को गिरावट रही थी। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.91 प्रतिशत बढ़कर 65.22 डॉलर प्रति बैरल रहा।
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को 1,577.63 अंक चढ़ा था जबकि निफ्टी में 500 अंक की तेजी रही थी।
रुपया 12 पैसे चढ़कर 85.68 प्रति डॉलर पर बंदअंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये में लगातार तीसरे सत्र में तेजी रही और बुधवार को यह 12 पैसे की मजबूती के साथ 85.68 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों के ताजा निवेश और डॉलर के कमजोर रहने के बीच बुधवार को रुपये में तेजी आई।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिका के शुल्क लगाने को 90 दिन के लिए टाले जाने के बीच सकारात्मक घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़ों ने शेयरों में लिवाली को बढ़ाया, जिससे रुपया मजबूत हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में नरमी ने भी रुपये को समर्थन दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया 85.66 पर खुला और दिन के कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले यह 85.50 के उच्च स्तर और 85.72 के निचले स्तर को छूने के बाद कारोबार के अंत में 85.68 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो इसके पिछले बंद स्तर से 12 पैसे की तेजी है।
मंगलवार के सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 30 पैसे की बढ़त के साथ 85.80 पर बंद हुआ था। शुक्रवार को पिछले सत्र में इसमें 58 पैसे की तेज बढ़ोतरी हुई थी।
इस बीच, विश्व की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूत दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.39 पर रहा। यह स्तर मार्च, 2022 को देखने को मिला था।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.88 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल 2021 के स्तर 65.24 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 309.40 अंक बढ़कर 77,044.29 अंक पर बंद हुआ, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 108.65 अंक बढ़कर 23,437.20 अंक पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को शुद्ध रूप से 6,065.78 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
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