आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) स्टूडेंट्स की लाइफ में बहुत काम आ रहा है। एआई को अगर जिम्मेदारी के साथ इस्तेमाल करना है तो इससे जुड़े नियम-कायदे भी समझने होंगे। एआई की पॉलिसी और लॉ समझने के बाद बदलते जॉब मार्केट, एआई के सही उपयोग, इसके विकास और सामाजिक असर को भी समझा जा सकता है।
एआई पॉलिसी और लॉ क्या है?एआई पॉलिसी और लॉ, संगठनों के लिए एक वह रास्ता, तय करता है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कैसे और कहां तक कर सकते हैं। यह एआई के इस्तेमाल, विकास और उसके सामाजिक असर को कंट्रोल करने के लिए बनाए गए नियम, कानून और दिशानिर्देश हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई तकनीकों का उपयोग जिम्मेदारी और नैतिकता के साथ किया जाए।
स्टूडेंट्स पहले अपनी पढ़ाई, फिर करियर डेवलेपमेंट और प्रोफेशनल लाइफ में आगे बढ़ने के लिए भी एआई की मदद लेते हैं। इस एक मदद से उन्हें सिर्फ फायदा ही होगा, अगर वे एआई पॉलिसी और लॉ भी जान लेंगे। एआई से जुड़े खतरों का सामना भी उन्हें नहीं करना पड़ेगा। एआई पॉलिसी और लॉ अब हर स्टूडेंट्स को पता होने ही चाहिए, पर क्यों जानिए।
सामाजिक असरएआई अब लाइफ पर टेक्नोलॉजी के तौर पर ही असर नहीं करता है, बल्कि यह लाइफ के हर कोने को छू रहा है। इसलिए स्टूडेंट्स की जिंदगी पर भी इसका असर दिखता है। दूसरी ओर, एआई का गलत इस्तेमाल इसे ह्यूमन राइट्स और नैतिकता के लिए चुनौती बना सकता है। इस वक्त एआई पॉलिसी और लॉ की जानकारी के साथ चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा। एआई की दुनिया में कदम जमाना है तो NBT Upskill AI की करियर वर्कशॉप में नए स्किल सीख सकते हैं।
बदलता जॉब मार्केटजॉब मार्केट का रूप लगतार बदल रहा है। इस बदलाव पर एआई का असर साफ नजर आता है। अब अगर स्टूडेंट्स को एआई और उसके बेस्ट रिजल्ट जॉब मार्केट में चाहिए तो उन्हें इसकी खासियतों के साथ पॉलिसी की जानकारी भी होनी ही चाहिए। इस तरह से वह एआई का इस्तेमाल पूरी जिम्मेदारी से कर पाएंगे।
एआई पॉलिसी स्पेशलिस्टये एक ऐसा जॉब है, जिसकी जरूरत मल्टीनेशनल ही नहीं सरकारी संस्थानों में भी है। जो स्टूडेंट्स एआई पॉलिसी के विशेषज्ञ हैं, स्पेशलिस्ट के तौर पर उनकी जरूरत बनी ही रहेगी। ऐसे स्टूडेंट्स को एआई रिस्क मैनेजर, एआई कंप्लायंस ऑफिसर और डेटा गवर्नेंस मैनेजर जैसे पद ऑफर किए जाते हैं।
एआई का फ्यूचरआज जो स्टूडेंट हैं वही एआई का फ्यूचर भी हैं।आज के स्टूडेंट्स आगे जाकर एआई के डेवलेपमेंट पर काम करेंगे। एआई को सही दिशा में ले जाने के लिए उनको आज भी लीगल और पॉलिसी फ्रेमवर्क पता होने चाहिए। इस तरह से वह पहले से ही इस टेक्नोलॉजी को लेकर जिम्मेदारी महसूस कर पाएंगे।
जरूरत और कोर्सअब क्योंकि एआई की जरूरतों को पूरी दुनिया में मान लिया गया है। इसलिए कई विश्वविद्यालय अब एआई टेक्नोलॉजी से जुड़े लॉ और पॉलिसी पर कोर्स लॉन्च कर चुके हैं। ताकि स्टूडेंट्स एआई की अहमियत समझें तो इस्तेमाल भी सोच समझकर करें।
हर प्रोफेशन पर असरएआई का असर कम्प्युटर साइंस ही नहीं कई दूसरे ट्रेडिशनल माने जाने वाले करियर ऑप्शन पर भी दिखता है। आर्ट्स से लेकर अर्बन प्लानिंग तक एआई के जानकारों की मांग बढ़ रही है। जैसे लॉ की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट लीगल टेक्नोलॉजी और कम्पायंस की तैयारी कर सकते हैं। जबकि मीडिया स्टूडेंट्स सही कंटेंट और गलत जानकारी के लिए एआई की मदद ले सकते हैं। हर इस्तेमाल में पॉलिसी की जानकारी जरूरी होती है।
डेटा सिक्योरिटीपिछले कुछ सालों में डेटा सिक्योरिटी, एक जरूरी मुद्दा बन चुका है। इस मुद्दे पर सुचारू रूप से ध्यान देने में एआई मदद कर सकता है लेकिन इस दौरान पॉलिसी और नियम कायदों की जानकारी भी जरूरी है। तब ही डेटा सिक्योरिटी को लेकर निश्चिंत हुआ जा सकेगा।
एआई पॉलिसी और लॉ क्या है?एआई पॉलिसी और लॉ, संगठनों के लिए एक वह रास्ता, तय करता है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कैसे और कहां तक कर सकते हैं। यह एआई के इस्तेमाल, विकास और उसके सामाजिक असर को कंट्रोल करने के लिए बनाए गए नियम, कानून और दिशानिर्देश हैं। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई तकनीकों का उपयोग जिम्मेदारी और नैतिकता के साथ किया जाए।
स्टूडेंट्स पहले अपनी पढ़ाई, फिर करियर डेवलेपमेंट और प्रोफेशनल लाइफ में आगे बढ़ने के लिए भी एआई की मदद लेते हैं। इस एक मदद से उन्हें सिर्फ फायदा ही होगा, अगर वे एआई पॉलिसी और लॉ भी जान लेंगे। एआई से जुड़े खतरों का सामना भी उन्हें नहीं करना पड़ेगा। एआई पॉलिसी और लॉ अब हर स्टूडेंट्स को पता होने ही चाहिए, पर क्यों जानिए।
सामाजिक असरएआई अब लाइफ पर टेक्नोलॉजी के तौर पर ही असर नहीं करता है, बल्कि यह लाइफ के हर कोने को छू रहा है। इसलिए स्टूडेंट्स की जिंदगी पर भी इसका असर दिखता है। दूसरी ओर, एआई का गलत इस्तेमाल इसे ह्यूमन राइट्स और नैतिकता के लिए चुनौती बना सकता है। इस वक्त एआई पॉलिसी और लॉ की जानकारी के साथ चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा। एआई की दुनिया में कदम जमाना है तो NBT Upskill AI की करियर वर्कशॉप में नए स्किल सीख सकते हैं।
बदलता जॉब मार्केटजॉब मार्केट का रूप लगतार बदल रहा है। इस बदलाव पर एआई का असर साफ नजर आता है। अब अगर स्टूडेंट्स को एआई और उसके बेस्ट रिजल्ट जॉब मार्केट में चाहिए तो उन्हें इसकी खासियतों के साथ पॉलिसी की जानकारी भी होनी ही चाहिए। इस तरह से वह एआई का इस्तेमाल पूरी जिम्मेदारी से कर पाएंगे।
एआई पॉलिसी स्पेशलिस्टये एक ऐसा जॉब है, जिसकी जरूरत मल्टीनेशनल ही नहीं सरकारी संस्थानों में भी है। जो स्टूडेंट्स एआई पॉलिसी के विशेषज्ञ हैं, स्पेशलिस्ट के तौर पर उनकी जरूरत बनी ही रहेगी। ऐसे स्टूडेंट्स को एआई रिस्क मैनेजर, एआई कंप्लायंस ऑफिसर और डेटा गवर्नेंस मैनेजर जैसे पद ऑफर किए जाते हैं।
एआई का फ्यूचरआज जो स्टूडेंट हैं वही एआई का फ्यूचर भी हैं।आज के स्टूडेंट्स आगे जाकर एआई के डेवलेपमेंट पर काम करेंगे। एआई को सही दिशा में ले जाने के लिए उनको आज भी लीगल और पॉलिसी फ्रेमवर्क पता होने चाहिए। इस तरह से वह पहले से ही इस टेक्नोलॉजी को लेकर जिम्मेदारी महसूस कर पाएंगे।
जरूरत और कोर्सअब क्योंकि एआई की जरूरतों को पूरी दुनिया में मान लिया गया है। इसलिए कई विश्वविद्यालय अब एआई टेक्नोलॉजी से जुड़े लॉ और पॉलिसी पर कोर्स लॉन्च कर चुके हैं। ताकि स्टूडेंट्स एआई की अहमियत समझें तो इस्तेमाल भी सोच समझकर करें।
हर प्रोफेशन पर असरएआई का असर कम्प्युटर साइंस ही नहीं कई दूसरे ट्रेडिशनल माने जाने वाले करियर ऑप्शन पर भी दिखता है। आर्ट्स से लेकर अर्बन प्लानिंग तक एआई के जानकारों की मांग बढ़ रही है। जैसे लॉ की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट लीगल टेक्नोलॉजी और कम्पायंस की तैयारी कर सकते हैं। जबकि मीडिया स्टूडेंट्स सही कंटेंट और गलत जानकारी के लिए एआई की मदद ले सकते हैं। हर इस्तेमाल में पॉलिसी की जानकारी जरूरी होती है।
डेटा सिक्योरिटीपिछले कुछ सालों में डेटा सिक्योरिटी, एक जरूरी मुद्दा बन चुका है। इस मुद्दे पर सुचारू रूप से ध्यान देने में एआई मदद कर सकता है लेकिन इस दौरान पॉलिसी और नियम कायदों की जानकारी भी जरूरी है। तब ही डेटा सिक्योरिटी को लेकर निश्चिंत हुआ जा सकेगा।
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