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अमेरिका में ऐसा क्या हुआ कि कैंसिल होने लगे स्टूडेंट वीजा? जानिए ट्रंप छात्रों को किस 'गुनाह' की दे रहे सजा

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US Student Visa Revocation: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में इमिग्रेशन नीतियों को कड़ा किया गया है। सैकड़ों छात्रों को स्टूडेंट वीजा रद्द कर उन्हें डिपोर्ट किया गया है। अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर भी एक्शन लिया गाय है। मौजूदा सरकार की नीतियों की वजह विदेशी छात्रों और यूनिवर्सिटीज दोनों की परेशानी बढ़ गई है। ट्रंप सरकार के एक्शन के चलते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम के भविष्य पर सवाल खड़ा हुआ है। ट्रंप सरकार कितनी कड़ाई से छात्रों पर एक्शन ले रही है, इसका अंदाजा कुछ यूं लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने ट्रैफिक नियम तोड़ने जैसे मामूली उल्लंघन के लिए भी छात्रों पर कार्रवाई की है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि फिलिस्तीन समर्थक बयानबाजी, विरोध-प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर पोस्टिंग को लेकर भी वीजा कैंसिल हुए हैं। अधिकारी आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम के तहत शायद ही कभी इस्तेमाल की जाने वाली शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे छात्र अनिश्चितता में हैं। स्टूडेंट वीजा क्या है?अमेरिका में F-1 , M-1 और J-1 वीजा दिए जाते हैं, जिन्हें स्टूडेंट वीजा के तौर पर जाना जाता है। इस वीजा के जरिए स्टूडेंट्स अमेरिका के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में पढ़ने जाते हैं। स्टूडेंट वीजा विदेश विभाग द्वारा जारी किया जाता है। छात्रों को फुल-टाइम स्टूडेंट के तौर पर पढ़ने के लिए वीजा मिलता है। वीजा मिलने के बाद उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होता है। पहले किसी का वीजा रद्द होने पर भी उन्हें पढ़ने की इजाजत थी, लेकिन नई नीतियों के बाद अब उन्हें तुरंत देश छोड़ना होगा। क्यों स्टूडेंट वीजा रद्द किए जा रहे?दरअसल, इजरायल पर हमास ने अक्टूबर 2023 में हमला किया, जिसके बाद इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में बमबारी शुरू कर दी, जहां चरमपंथी संगठन हमास का नियंत्रण है। गाजा में इजरायली कार्रवाई में हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। हमास को अमेरिका एक आतंकवादी संगठन मानता है। गाजा में बमबारी के बाद इजरायल के खिलाफ अमेरिकी कॉलेजों में प्रदर्शन शुरू हो गए। डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों से जुड़े छात्रों को डिपोर्ट किया जाएगा। राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप अब अपना वादा पूरा कर रहे हैं और छात्रों का वीजा कैंसिल कर उन्हें डिपोर्ट कर रहे हैं। ट्रंप सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। सिर्फ प्रदर्शनकारी छात्रों पर ही एक्शन नहीं लिया जा रहा है, बल्कि उन छात्रों पर भी कार्रवाई हो रही है, जो अमेरिकी नियमों को तोड़ रहे हैं। छोटे-मोटे अपराध में शामिल या ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने तक पर छात्रों को डिपोर्ट कर दिया जा रहा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 27 मार्च को पुष्टि की कि 300 से अधिक वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
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