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पैसे होंगे बर्बाद, एडमिशन होगा कैंसिल...विदेश में पढ़ने से पहले भूल से ना करें ये 10 गलतियां

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Tips For Study Abroad: विदेश में पढ़ाई करना बहुत से भारतीय छात्रों का सपना है, क्योंकि उन्हें ना सिर्फ अच्छे अकेडमिक अवसर मिलते हैं, बल्कि करियर ग्रोथ भी अच्छा होता है। विदेश में एडमिशन लेने के बाद छात्रों को वर्ल्ड-क्लास एजुकेशन मिलती है, वे अलग-अलग संस्कृतियों को जान पाते हैं और इंटरनेशनल नेटवर्किंग बना पाते हैं। हालांकि, विदेशी यूनिवर्सिटीज में आवेदन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसके लिए लंबी प्लानिंग, रिसर्च और सावधानी की जरूरत होती है।

बहुत से छात्र पढ़ाई के दौरान कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनके ऊपर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ सकता है। कुछ छात्र डेडलाइन मिस कर जाते हैं, तो कुछ गलत यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लेते हैं। विदेश में छोटी सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। On Track Education की फाउंडर ममता जानी ने उन 10 आम गलतियों के बारे में बताया है, जो छात्र अक्सर विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन करते समय करते हैं। उन्होंने इन गलतियों से बचने के लिए उपयोगी सलाह भी दी है।
1. कोर्स और यूनिवर्सिटी के लिए सही से रिसर्च नहीं करना image

छात्रों के जरिए की जाने वाली सबसे बड़ी गलती ये है कि वे सिर्फ दूसरों की सलाह पर यूनिवर्सिटी चुनते हैं। वे खुद से यूनिवर्सिटीज के बारे में चेक नहीं करते हैं। अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में पढ़ाने के तरीके, टीचर्स का एक्सपीरियंस, नौकरी मिलने की संभावनाएं और कैंपस का माहौल अलग-अलग होता । रहने का खर्च, मौसम, वीजा नियम और काम करने के विकल्प जैसे फैक्टर्स पर भी ध्यान देना चाहिए। आवेदन से पहले छात्रों को कोर्स, इंडस्ट्री से उसके संबंध और भविष्य में नौकरी के अवसरों के बारे में अच्छी तरह से पता कर लेना चाहिए। (Pexels)


2. आवेदन करने की समयसीमा को नजरअंदाज करना image

आवेदन की समयसीमा अलग-अलग यूनिवर्सिटीज, देश और कोर्स के लिए अलग-अलग होती है। कुछ यूनिवर्सिटीज में फॉल, स्प्रिंग और समर में एडमिशन दिया जाता है। समयसीमा चूकने से आपकी पढ़ाई और करियर की योजना महीनों या सालों तक के लिए टल सकती है। यूनिवर्सिटीज की समयसीमा, छात्रों को टेस्ट की तारीखें (IELTS, TOEFL, GRE), स्कॉलरशिप के आवेदन और वीजा की प्रक्रिया पर भी ध्यान रखना चाहिए। अक्सर समयसीमा इसलिए चूक जाती है, क्योंकि छात्र लापरवाह होते हैं, डॉक्यूमेंट जमा करने में देरी करते हैं या समय का सही अनुमान नहीं लगा पाते। (Pexels)


3. अधूरे या गलत दस्तावेज जमा करना image

हर यूनिवर्सिटीज को कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होती है, जैसे कि एकेडमिक ट्रांसक्रिप्ट, रिकमेंडेशन लेटर, टेस्ट के नतीजे और स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP)। अधूरे, गलत फॉर्मेट वाले या खराब दस्तावेज जमा करने से आपका आवेदन रद्द हो सकता है। छात्रों को हर यूनिवर्सिटी के डॉक्यूमेंट्स की खास जरूरतों को ध्यान से देखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी दस्तावेज पूरे हों, उनका अनुवाद किया गया हो (अगर जरूरी हो) और वे बताए गए फॉर्मेट में हों। किसी काउंसलर, मेंटर या टीचर से दस्तावेजों की जांच करवाने से गलतियों से बचा जा सकता है। (Pexels)


4. कमजोर स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) लिखना image

SOP या पर्सनल स्टेटमेंट आवेदन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें आपको अपनी पढ़ाई, करियर की इच्छाओं और किसी खास कोर्स और यूनिवर्सिटी को चुनने के कारणों को बताना होता है। कई छात्र सामान्य, नकली या खराब तरीके से लिखे गए SOP लिखते हैं, जो प्रभाव नहीं छोड़ पाते हैं। SOP अच्छी तरह से लिखी होनी चाहिए, उसमें व्यक्तिगत जानकारी होने चाहिए और कहीं से कॉपी नहीं होना चाहिए। (Pexels)


5. स्टैंडर्डाइज्ड टेस्ट और भाषा की जरूरतों को पूरा नहीं करना image

कई यूनिवर्सिटीज आपकी अंग्रेजी भाषा की क्षमता को जांचने के लिए IELTS, TOEFL और PTE जैसे स्टैंडर्डाइज्ड टेस्ट के स्कोर मांगती हैं। कुछ प्रोग्राम GRE, GMAT या SAT स्कोर भी मांगती हैं। एक आम गलती यह है कि छात्र न्यूनतम अंकों की जरूरत को नहीं देखते या इन टेस्ट की तैयारी ठीक से नहीं करते। छात्रों को आवेदन प्रक्रिया शुरू करने से पहले यह पता कर लेना चाहिए कि कौन से टेस्ट जरूरी हैं, मॉक टेस्ट देने चाहिए और तनाव से बचने के लिए परीक्षाओं की योजना बनानी चाहिए। (Pexels)


6. वित्तीय योजना और बजट को कम आंकना image

विदेश में पढ़ाई एक बड़ा वित्तीय निवेश है और छात्र अक्सर टोटल लागत का सही अनुमान नहीं लगा पाते। ट्यूशन फीस खर्च का सिर्फ एक हिस्सा है। रहने, ट्रैवल, खाना, बीमा, किताबें और रोजमर्रा के खर्चों को भी ध्यान में रखना चाहिए। वित्तीय योजना ठीक से न बनाने से आर्थिक तनाव हो सकता है और वीजा रद्द हो सकता है। स्कॉलरशिप, ग्रांट्स और स्टूडेंट लोन जैसे ऑप्शन भी पता लगाकर रखने चाहिए। इसके अलावा, छात्रों को यह भी देखना चाहिए कि वीजा उन्हें खर्चों को पूरा करने के लिए काम करने की अनुमति देता है या नहीं। (Pexels)


7. गलत वीजा के लिए आवेदन करना या प्रक्रिया में देरी करना image

विदेश में पढ़ाई करने के लिए स्टूडेंट वीजा एक जरूरी जरूरत है और हर देश में वीजा के अलग-अलग नियम होते हैं। एक आम गलती यह है कि छात्र गलत तरह के वीजा के लिए आवेदन करते हैं या वीजा आवेदन में देरी करते हैं, जिससे तनाव होता है या आखिर में वीजा रद्द हो जाता है। इससे बचने के लिए, छात्रों को वीजा की जरूरतों को ध्यान से देखना चाहिए, सभी जरूरी दस्तावेज जैसे कि पैसे के सबूत और यूनिवर्सिटी में एडमिशन से जुड़े लेटर इकट्ठा करने चाहिए और समय से पहले आवेदन करना चाहिए। कुछ देशों में वीजा इंटरव्यू की जरूरत होती है, इसलिए तैयारी करना जरूरी है ताकि वीजा मिल सके। (Pexels)


8. एडमिशन या वीजा इंटरव्यू की तैयारी न करना image

कुछ यूनिवर्सिटीज और इमिग्रेशन अधिकारी छात्रों की ईमानदारी, प्रेरणा और वित्तीय स्थिरता को जांचने के लिए इंटरव्यू लेते हैं। तैयारी न करने से प्रदर्शन खराब हो सकता है और वीजा रद्द हो सकता है। सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए, छात्रों को मॉक इंटरव्यू के सवालों की तैयारी करनी चाहिए, आत्मविश्वास के साथ जवाब देने का अभ्यास करना चाहिए और अपनी पढ़ाई की प्लानिंग, करियर के लक्ष्यों और वित्तीय स्थिति को समझाने के लिए तैयार रहना चाहिए। (Pexels)


9. नेटवर्किंग और यूनिवर्सिटीज से संपर्क को नजरअंदाज करना image

कई छात्र यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधियों, पूर्व छात्रों या वर्तमान छात्रों से बात करने के महत्व को नहीं समझते। इन लोगों से बात करने से यूनिवर्सिटी के जीवन, नौकरी की संभावनाओं और कैंपस के माहौल के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिल सकती है। यूनिवर्सिटीज अक्सर वेबिनार और वर्चुअल ओपन डे आयोजित करते हैं और छात्रों को उनमें भाग लेने से सही फैसले लेने में मदद मिलती है। इसके अलावा, लिंक्डइन के माध्यम से पूर्व छात्रों से जुड़ने से नौकरी और इंटर्नशिप के बारे में जानकारी मिल सकती है। (Pexels)


10. एजेंटों पर निर्भर रहना image

एजुकेशन कंसल्टेंट और एजेंट छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में मदद करते हैं, लेकिन पूरी तरह से उन पर निर्भर रहना खतरनाक है। कुछ एजेंट गलत जानकारी दे सकते हैं या जरूरी जानकारी नहीं दे सकते। छात्रों को यूनिवर्सिटीज के नियमों को पढ़कर, सीधे संस्थान से जानकारी लेकर और जरूरी दस्तावेजों और ईमेल को खुद प्रबंधित करके आवेदन में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। सक्रिय रहने से यह सुनिश्चित होता है कि छात्र अपनी शिक्षा के बारे में सोच-समझकर और आत्मविश्वास से फैसले लें। (Pexels)

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