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प्रेग्नेंसी में क्यों बढ़ जाती है एसिडिटी की समस्या? गायनेकोलॉजिस्ट से जानिए कारण और बचाव के उपाय

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कई बार प्रेग्नेंसी में महिलाओं का एसिडिटी का बुरा हाल हो जाता है। कुछ मामलों में स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि प्रेग्नेंट महिलाएं कब्ज के कारण तीन से चार दिनों तक पॉटी तक नहीं जा पातीं। इससे ना सिर्फ पेट में भारीपन और बेचैनी बढ़ती है, बल्कि थकान और चिड़चिड़ापन भी महसूस होने लगता है। ऐसे में आइए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आशिक अली से समझते हैं कि गर्भावास्था में इतनी ज्यादा गैस क्यों बनती हैं और इससे बचने के घरेलू उपाय क्या हैं।





प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने के कारण होती है गैस



डॉ. आशिक अली के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने से पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। साथ ही, गर्भावस्था में दी जाने वाली आयरन की गोलियां भी प्रेग्नेंसी में एसिडिटी की वजह बन सकती हैं। डॉक्टर आगे कहती हैं कि थकान और भारीपन के कारण महिलाएं कम चलती-फिरती हैं, जिससे भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, कम फाइबर वाला भोजन और शरीर में पानी की कमी भी इस परेशानी को बढ़ा देती है।





एसिडिटी से ऐसे मिल सकती है राहत



डॉक्टर आशिक अली कहती हैं कि, प्रेग्नेंसी में कब्ज से राहत पाने के लिए दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं। साथ ही प्रेग्नेंसी में अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर चीज़ें शामिल करें, जैसे- चुकंदर, हरी सब्जियां, सलाद और दलिया। इसके अलावा, साथ ही, रोजाना हल्की एक्सरसाइज और टहलने से भी पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, डॉक्टर ने एक वीडियो में यह भी बताया कि प्रेग्नेंट महिलाएं आम भी खा सकती हैं लेकिन बस एक लिमिट में उन्हें खाना होगा। आम में विटामिटन ए और सी होता है, जो कि बेबी की ग्रोथ के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन इसके ज्यादा यूज से कब्ज और उल्टी की शिकायत हो सकती है। इसलिए डेली आधे आम से ज्यादा न खाएं।



डिस्क्लेमर: लेख में दी गई जानकारी पूरी तरह इंस्टाग्राम रील पर आधारित है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।



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