पटनाः भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात मिथिला हाट के ‘भंसा घर’ में भोजन का आनंद उठाया। उनके साथ जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय कुमार झा और बिहार सरकार के मंत्री नीतीश मिश्रा भी थे। चुनावी गहमागहमी के बीच यह कोई सामान्य भोज नहीं था। असल में इसके जरिये मिथिला की गौरवशाली सांस्कृतिक का बखान कर एनडीए की राजनीति को जायकेदार बनाया गया। इस डिनर डिप्लोमेसी के जरिये मधुबनी, सुपौल और सीतामढ़ी की कुल 23 सीटों पर चुनावी समीकरण को अपने पक्ष में करने की कोशिश की गयी।
क्या है मिथिला हाट?
झंझारपुर (मधुबनी) के अररिया संग्राम गांव में एनएच 57 के किनारे मिथिला हाट विकसित किया गया है। यह मिथिला की कला, संस्कृति और विरासत की थीम पर आधारित एक पर्यटक स्थल है। दिल्ली हाट की तर्ज पर ही मिथिला हाट बनाया गया है। यह स्थान मिथिलांचल के पारम्परिक व्यंजनों, मधुबनी पेंटिंग, स्थानीय हस्तशिल्प, बच्चों के फन जोन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। यहां मधुबनी कला और हस्तशिल्प से जुड़ा एक क्राफ्ट बाजार है। यहां स्थानीय कारीगरों के बनाये उत्पाद बिकते हैं। इसका निर्माण बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने तीन साल पहले किया है। मिथिला हाट, मिथिलांचल की गौरवमयी संस्कृति का प्रतिबिंब है।
मिथिला हाट का भंसा घरगांव में रसोई घर को भंसा घर कहते हैं। पहले गांव में मिट्टी के बने घर होते थे। इस घर में मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से भोजन बनता था। लकड़ी के पीढ़ा पर बैठ कर भोजन किया जाता था। मिथिला हाट का भंसा घर इसी पुरानी परम्परा पर आधारित है। यहां मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से भोजना बनता है। यहां बाजार से आटा नहीं खरीदा जाता बल्कि जांता में गेहूं पीस कर तैयार किया जाता है। मड़ुआ, मकई का आटा भी यहीं तैयार होता है। चावल भी बाजार से नहीं आता बल्कि ढेंकी में धान कूट कर तैयार किया जाता है। इसलिए यहां का भोजन बहुत स्वादिष्ट होता है। गांव की विलुप्त होती ये परम्पराएं आज यहां गौरव के साथ जीवंत है।
अमित शाह को परोसी गयी 36 व्यंजनों वाली थालीभंसा घर मिट्टी और फूस (पुआल) का बना हुआ है। इसकी दीवारें मिट्टी से बनी हैं जिस पर पारम्परिक भित्ति चित्र बने हुए हैं। मंगलवार की शाम को गृहमंत्री अमित शाह, जदयू सांसद संजय झा और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा यहां पहुंचे थे। पहले उन्होंने यहां मौजूद स्थानीय लोगों से बातचीत की। अमित शाह को मिथिला हाट को लेकर बहुत उत्सुकता थी। इसके जरिये उन्होंने स्थानीय लोगों से जुड़ने की कोशिश की। अमित शाह और उनके साथ आये मेहमानों को 36 व्यंजनों वाली ‘सचार थाली’ परोसी गयी। सचार थाली में सतंजा (सात अनाज) रोटी, चावल की रोटी, मकई की रोटी, मड़ुआ की रोटी, चावल, दाल, चोखा, कढ़ी-बरी, मौसमी सब्जी, बैंगन, अदौरी, साग, कदिमा की सब्जी, तीसी की चटनी, रायता, तिलौरी, पापड़, तरुआ (पकौड़ा), अरिकिंचन (अरवी का पत्ता) की सब्जी, सलाद, दही चीनी, मखाना की खीर, साबूदाना की खीर, लस्सी, लड्डू, खाजा आदि व्यंजन दिया जाता है।
मिथिला संस्कृति को सम्मान दे कर दिलों को जोड़ाअमित शाह ने मिथिला की खान-पान-सम्मान की समृद्ध परम्परा की बहुत प्रशंसा की। कहा जाता है कि किसी के दिल में उतने का रास्ता जीभ से होकर जाता है। यानी उत्तम भोजन से आप किसी का दिल जीत सकते हैं। ठीक इसी तरह यदि आप भोजनानंद से तृप्त हो कर बनाने वाले की कला और उसके रस्म-ओ-रिवाज की तारीफ करेंगे तो वह भी भी धन्य-धन्य हो जाएगा। मिथिला संस्कृति के प्रति आदार-भाव दर्शा कर अमित शाह ने मिथिलांचल के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की है। मिथिला हाट मधुबनी जिले में स्थित है। मधुबनी जिले में विधानसभा की 10 सीटें हैं जहां 11 नवम्बर को मतदान होना है।
मधुबनी की 10 से 8 सीटें एनडीए के पास अमित शाह के साथ मौजूद नीतीश मिश्रा मधुबनी के झंझारपुर से ही विधायक हैं। पिछले चुनाव में जिले की 10 सीटों में से 8 पर एनडीए विजयी हुआ था। जिन सीटों पर एनडीए को जीत मिली थीं वे हैं, हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, राजनगर, झंझारपुर और फुलपरास। दो सीटों (मधुबनी और लौकहा) पर राजद को जीत मिली थी। अमित शाह ने इस बार सभी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए तो लोगों का दिल जीतना ही होगा।
सीतामढ़ी और सुपौल की 13 सीटों पर भी असरमधुबनी के पूरब में सीतामढ़ी जिला है और पश्चिम में सुपौल जिला। सीतामढ़ी जिले में 8 सीटें हैं जब कि सुपौल जिले में 5 सीटें। अमित शाह ने मधुबनी से जो सांस्कृतिक संदेश दिया वो इन पड़ोसी जिलों में भी पहुंचेगा। 2020 के चुनाव में सीतामढ़ी जिले की 8 से में 6 सीटें एनडीए ने जीती थीं। जो सीटें एनडीए को मिली थीं वे हैं, रीगा, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, सीतामढ़ी और रुन्नीसैदपुर। राजद ने दो सीटों (बाजपट्टी और बेलसंड) पर जीत हासिल की थी। सुपौल जिले की पांचों सीटों (निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर) पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। अमित शाह की डिनर डिप्लोमेसी दिलों को जोड़ने वाली थी। इससे इन दो जिलों में एनडीए की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
क्या है मिथिला हाट?
झंझारपुर (मधुबनी) के अररिया संग्राम गांव में एनएच 57 के किनारे मिथिला हाट विकसित किया गया है। यह मिथिला की कला, संस्कृति और विरासत की थीम पर आधारित एक पर्यटक स्थल है। दिल्ली हाट की तर्ज पर ही मिथिला हाट बनाया गया है। यह स्थान मिथिलांचल के पारम्परिक व्यंजनों, मधुबनी पेंटिंग, स्थानीय हस्तशिल्प, बच्चों के फन जोन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। यहां मधुबनी कला और हस्तशिल्प से जुड़ा एक क्राफ्ट बाजार है। यहां स्थानीय कारीगरों के बनाये उत्पाद बिकते हैं। इसका निर्माण बिहार सरकार के पर्यटन विभाग ने तीन साल पहले किया है। मिथिला हाट, मिथिलांचल की गौरवमयी संस्कृति का प्रतिबिंब है।
मिथिला हाट का भंसा घरगांव में रसोई घर को भंसा घर कहते हैं। पहले गांव में मिट्टी के बने घर होते थे। इस घर में मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से भोजन बनता था। लकड़ी के पीढ़ा पर बैठ कर भोजन किया जाता था। मिथिला हाट का भंसा घर इसी पुरानी परम्परा पर आधारित है। यहां मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी से भोजना बनता है। यहां बाजार से आटा नहीं खरीदा जाता बल्कि जांता में गेहूं पीस कर तैयार किया जाता है। मड़ुआ, मकई का आटा भी यहीं तैयार होता है। चावल भी बाजार से नहीं आता बल्कि ढेंकी में धान कूट कर तैयार किया जाता है। इसलिए यहां का भोजन बहुत स्वादिष्ट होता है। गांव की विलुप्त होती ये परम्पराएं आज यहां गौरव के साथ जीवंत है।
अमित शाह को परोसी गयी 36 व्यंजनों वाली थालीभंसा घर मिट्टी और फूस (पुआल) का बना हुआ है। इसकी दीवारें मिट्टी से बनी हैं जिस पर पारम्परिक भित्ति चित्र बने हुए हैं। मंगलवार की शाम को गृहमंत्री अमित शाह, जदयू सांसद संजय झा और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा यहां पहुंचे थे। पहले उन्होंने यहां मौजूद स्थानीय लोगों से बातचीत की। अमित शाह को मिथिला हाट को लेकर बहुत उत्सुकता थी। इसके जरिये उन्होंने स्थानीय लोगों से जुड़ने की कोशिश की। अमित शाह और उनके साथ आये मेहमानों को 36 व्यंजनों वाली ‘सचार थाली’ परोसी गयी। सचार थाली में सतंजा (सात अनाज) रोटी, चावल की रोटी, मकई की रोटी, मड़ुआ की रोटी, चावल, दाल, चोखा, कढ़ी-बरी, मौसमी सब्जी, बैंगन, अदौरी, साग, कदिमा की सब्जी, तीसी की चटनी, रायता, तिलौरी, पापड़, तरुआ (पकौड़ा), अरिकिंचन (अरवी का पत्ता) की सब्जी, सलाद, दही चीनी, मखाना की खीर, साबूदाना की खीर, लस्सी, लड्डू, खाजा आदि व्यंजन दिया जाता है।
मिथिला संस्कृति को सम्मान दे कर दिलों को जोड़ाअमित शाह ने मिथिला की खान-पान-सम्मान की समृद्ध परम्परा की बहुत प्रशंसा की। कहा जाता है कि किसी के दिल में उतने का रास्ता जीभ से होकर जाता है। यानी उत्तम भोजन से आप किसी का दिल जीत सकते हैं। ठीक इसी तरह यदि आप भोजनानंद से तृप्त हो कर बनाने वाले की कला और उसके रस्म-ओ-रिवाज की तारीफ करेंगे तो वह भी भी धन्य-धन्य हो जाएगा। मिथिला संस्कृति के प्रति आदार-भाव दर्शा कर अमित शाह ने मिथिलांचल के लोगों का दिल जीतने की कोशिश की है। मिथिला हाट मधुबनी जिले में स्थित है। मधुबनी जिले में विधानसभा की 10 सीटें हैं जहां 11 नवम्बर को मतदान होना है।
मधुबनी की 10 से 8 सीटें एनडीए के पास अमित शाह के साथ मौजूद नीतीश मिश्रा मधुबनी के झंझारपुर से ही विधायक हैं। पिछले चुनाव में जिले की 10 सीटों में से 8 पर एनडीए विजयी हुआ था। जिन सीटों पर एनडीए को जीत मिली थीं वे हैं, हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, राजनगर, झंझारपुर और फुलपरास। दो सीटों (मधुबनी और लौकहा) पर राजद को जीत मिली थी। अमित शाह ने इस बार सभी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है। इसके लिए तो लोगों का दिल जीतना ही होगा।
सीतामढ़ी और सुपौल की 13 सीटों पर भी असरमधुबनी के पूरब में सीतामढ़ी जिला है और पश्चिम में सुपौल जिला। सीतामढ़ी जिले में 8 सीटें हैं जब कि सुपौल जिले में 5 सीटें। अमित शाह ने मधुबनी से जो सांस्कृतिक संदेश दिया वो इन पड़ोसी जिलों में भी पहुंचेगा। 2020 के चुनाव में सीतामढ़ी जिले की 8 से में 6 सीटें एनडीए ने जीती थीं। जो सीटें एनडीए को मिली थीं वे हैं, रीगा, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, सीतामढ़ी और रुन्नीसैदपुर। राजद ने दो सीटों (बाजपट्टी और बेलसंड) पर जीत हासिल की थी। सुपौल जिले की पांचों सीटों (निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज, छातापुर) पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। अमित शाह की डिनर डिप्लोमेसी दिलों को जोड़ने वाली थी। इससे इन दो जिलों में एनडीए की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
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