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NCTE News: टीचर ट्रेनिंग संस्थानों में भी शुरू होंगे BA BSc BCom कोर्स, एनसीटीई ने जारी की नई गाइडलाइन

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देश में टीचर एजुकेशन प्रोग्राम चलाने वाले टीचिंग इंस्टिट्यूट्स को अब पुराने ढर्रे से बाहर आना होगा। टीचिंग संस्थानों में अब टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के साथ-साथ बीए, बीकॉम, बीएससी समेत स्किल एजुकेशन के दूसरे कोर्सेज भी शुरू किए जा सकेंगे। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) के चेयरमैन प्रो. पंकज अरोड़ा ने बताया कि 'स्टैंड-अलोन (स्वतंत्र संस्थान) टीचिंग संस्थानों को मल्टी-डिसिप्लिनरी (बहुविषयक) उच्च शिक्षा संस्थानों में तब्दील करने की गाइडलाइंस जारी कर दी गई है।'



Teacher Training Institutes: बदले नहीं तो मर्ज कर दिए जाएंगेउनका कहना है कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक 2030 तक सभी स्टैंड-अलोन टीचर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स को बहुविषयक अप्रोच अपनाना ही होगा। इन संस्थानों को कम से कम दो नये अंडरग्रेजुएट टीचिंग प्रोग्राम शुरू करने होंगे, जो यूजीसी रेगुलेशंस और इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) की तर्ज पर हों। उन कोर्सेज में इंटर-डिसिप्लनरी कंपोनेंट हों। जो संस्थान बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थान में कन्वर्ट नहीं होते हैं, उन्हें पास के ही किसी बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थान में मर्ज होना होगा।'



बहु-विषयक अप्रोच अब जरूरीजिन टीचिंग संस्थानों में केवल टीचर एजुकेशन प्रोग्राम ही पढ़ाए जाते हैं, उनके लिए ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अब ऐसे संस्थानों में स्किल बेस्ड कोर्सेज भी शुरू हो सकेंगे। टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के साथ-साथ दूसरे कोर्सेज को भी इंटीग्रेट किया जा सकेगा।



नई शिक्षा नीति (NEP) शिक्षा के लिए मल्टी-डिसिप्लिनरी अप्रोच (बहु-विषयक) के महत्व पर जोर देती है। IITs काफी समय से इस विचार में सबसे आगे रहे हैं। अब एनसीटीई ने अपने संस्थानों को भी इसके दायरे में लाने का फैसला किया है।





टीचर ट्रेनिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन 2025
  • नये यूजी डिग्री प्रोग्राम होंगे, इंडस्ट्री के साथ टाई-अप का विकल्प भी होगा।
  • जिस तरह से आईआईटी व आईआईएम में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के अलावा दूसरे कोर्सेज भी होते हैं, उसी तरह से टीचिंग संस्थानों में भी छात्रों को टीचर एजुकेशन कोर्स के साथ कई विषय एक साथ पढ़ने का मौका मिलेगा।
  • इंटीग्रेटेड कोर्सेज भी शुरू किए जा सकते हैं। टीचिंग कोर्सेज को दूसरे कई विषयों के साथ इंटीग्रेट किया जा सकता है।
  • यूजीसी रेगुलेशंस के मुताबिक डिसिप्लिनरी और इंटर-डिसिप्लिनरी कंपोनेंट के साथ कम से कम 64 क्रेडिट के साथ नये UG Courses लाए जा सकते हैं।
  • टीचिंग संस्थानों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर उनको नये कोर्स शुरू करने का मौका दिया जाएगा।
  • वहीं, जो संस्थान दूसरे उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ मर्ज होंगे, उनको भी BA B.Ed, BSc BEd, BCom B Ed जैसे कोर्सेज शुरू करने का मौका मिलेगा। ऐसे संस्थानों में एजुकेशन डिपार्टमेंट होना जरूरी होगा।


IIT में भी है ITEP कोर्सNCTE ने स्पष्ट किया है कि अब पारंपरिक टीचर एजुकेशन प्रोग्राम को इनोवेटिव टीचिंग प्रैक्टिस के साथ जोड़ना होगा। रिसर्च के मौके बढ़ाने होंगे और इंडस्ट्री की मांग को देखते हुए कोर्सेज में बदलाव करना होगा। देश में 15,500 टीचिंग इंस्टिट्यूशंस हैं, जिनमें से ज्यादातर स्टैंड-अलोन संस्थान हैं। अब कई आईआईटी में भी चार साल का टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) पढ़ाया जा रहा है।



Interdesciplinary Meaning in Hindi: इंटरडिसिप्लिनरी का मतलब क्या है?'इंटरडिसिप्लिनरी' का अर्थ 'अंतःविषयक' होता है। सरल शब्दों में- जो दो या दो से अधिक अलग-अलग विषयों को एक साथ लाता है। एनसीटीई चेयरमैन का कहना है कि टीचर एजुकेशन प्रोग्राम चलाने वाले संस्थान अब एक या दो कोर्सेज तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उनके पास कई कोर्सेज को शुरू करने का विकल्प रहेगा।

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