मुंबई: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने एक पुरानी याद साझा करते हुए अपने शुरुआती दिनों का एक किस्सा शेयर किया। सचिन ने एक ब्रांड प्रमोशन के दौरान ने बताया कि जब वह आचरेकर सर के पास गए थे तो उनके पास स्पाइक्स वाले जूते नहीं थे। क्रिकेट खेलने में उन्हें बहुत दिक्कत होती थी। ऐसे में उन्हें पूर्व क्रिकेटर प्रवीम आमरे ने स्पाइक्स वाला एक शू गिफ्ट किया था।
सचिन ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, नेट्स में प्रैक्टिस करते समय हमने प्रवीण आमरे की बल्लेबाजी को करीब से देखा था। मेरा ध्यान उनके स्टाइलिश क्रिकेट बूट्स पर गया। तब प्रवीण ने कहा था कि अगर तुम शतक लगाते हो तो ये जूते मैं तुम्हें दे दूंगा। उसके बाद मैंने शतक लगाया और प्रवीण ने मुझे अपने जूते दिए। ये मेरे जीवन के पहले स्टाइलिश क्रिकेट बूट थे, जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकता।'
कैनवास के जूते पहनकर खेलते थे सचिन
सचिन ने बताया कि, 'आचरेकर सर के नेट्स में मैं साधारण कैनवास के जूते पहनकर खेलता था। तब सर ने मेरे बड़े भाई अजित से कहा था कि सचिन के लिए स्पाइक्स शूज लेने होंगे। मुझे पता नहीं था कि ये जूते कैसे होते हैं। उस समय प्रवीण आमरे भारत की अंडर-19 टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में खेलकर लौटे थे। तब आचरेकर सर ने हमें उनकी बल्लेबाजी देखने के लिए कहा था। मेरा ध्यान उनके स्टाइलिश क्रिकेट बूट्स पर गया।'
सचिन ने आगे कहा, 'प्रवीण ने कहा था कि तुम शतक मारो फिर मैं ये शू तुम्हें दे दूंगा। शतक लगाने के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं उनसे जूते मांगू। लेकिन, प्रवीण ने खुद आकर मुझे वे शू दिए। ये मेरे पहले बेहतरीन क्रिकेट जूते थे और इस बात को मैं कभी नहीं भूल सकता।'
सचिन ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, नेट्स में प्रैक्टिस करते समय हमने प्रवीण आमरे की बल्लेबाजी को करीब से देखा था। मेरा ध्यान उनके स्टाइलिश क्रिकेट बूट्स पर गया। तब प्रवीण ने कहा था कि अगर तुम शतक लगाते हो तो ये जूते मैं तुम्हें दे दूंगा। उसके बाद मैंने शतक लगाया और प्रवीण ने मुझे अपने जूते दिए। ये मेरे जीवन के पहले स्टाइलिश क्रिकेट बूट थे, जिन्हें मैं कभी नहीं भूल सकता।'
कैनवास के जूते पहनकर खेलते थे सचिन
सचिन ने बताया कि, 'आचरेकर सर के नेट्स में मैं साधारण कैनवास के जूते पहनकर खेलता था। तब सर ने मेरे बड़े भाई अजित से कहा था कि सचिन के लिए स्पाइक्स शूज लेने होंगे। मुझे पता नहीं था कि ये जूते कैसे होते हैं। उस समय प्रवीण आमरे भारत की अंडर-19 टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया में खेलकर लौटे थे। तब आचरेकर सर ने हमें उनकी बल्लेबाजी देखने के लिए कहा था। मेरा ध्यान उनके स्टाइलिश क्रिकेट बूट्स पर गया।'
सचिन ने आगे कहा, 'प्रवीण ने कहा था कि तुम शतक मारो फिर मैं ये शू तुम्हें दे दूंगा। शतक लगाने के बाद मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं उनसे जूते मांगू। लेकिन, प्रवीण ने खुद आकर मुझे वे शू दिए। ये मेरे पहले बेहतरीन क्रिकेट जूते थे और इस बात को मैं कभी नहीं भूल सकता।'
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