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सारे 'दलाल' खान हैं... बीजेपी नेता के बयान से बीएमसी चुनाव में खिंच गई उद्धव ठाकरे और बीजेपी के बीच तलवार

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मुंबई : महाराष्ट्र में इस साल दिसंबर महीने में होने वाले निकाय चुनावों को लेकर मुंबई और अन्य बड़े शहरों में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इस चुनाव में ठाकरे ब्रदर्स दशकों में पहली बार सार्वजनिक रूप से एक साथ आए हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, दोनों ही एक नई राजनीतिक उर्जा के साथ चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वहीं, बीजेपी नेता भी अब शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।

मंत्री ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
हाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने हालही में मुंबई के केइएम अस्पताल का दौरा कर बीएमसी और उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा। मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने बीएमसी द्वारा संचालित अस्पताल में सुविधाओं की कमी और खराब रखरखाव को लेकर अस्पताल के प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों के बैठने के लिए कोई उचित जगह नहीं है, उन्हें समय पर अटेंड नहीं किया जाता, जबकि स्टाफ और अधिकारी एसी कमरों में बैठे रहते हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में ठीक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने से मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक्स का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल कि हालत देखकर मैं बहुत निराश हूं।

बीएमसी में आखिरी बार 2017 में चुनाव
महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा से जब पूछा गया कि अस्पताल की ऐसी बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है तो उन्होंने सीधे तौर पर ठाकरे के नेतृत्व वाली बीएमसी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जो लोग 20 साल से शहर पर राज कर रहे थे, वे इसके लिए जिम्मेदार हैं। बीएमसी में आखिरी बार 2017 में चुनाव हुए थे। 2022 में बीएमसी के विघटन के बाद से मुंबई सीधे तौर पर महायुति के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के अधीन कमिश्नर के माध्यम से काम कर रही थी। मंत्री ने कहा कि हम पिछले तीन सालों से बीएमसी में सत्ता में हैं। उन्होंने कहा लेकिन अधिकारी वही सब हैं, जिन्हें पिछली सरकार ने नियुक्त किया था।


नागरिक लाइसेंसिंग में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
इसके बाद महाराष्ट्र के मंत्री ने इस पूरे मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देते हुए नागरिक लाइसेंसिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने एक खास समुदाय का नाम लेते हुए कहा कि एक व्यक्ति को ‘खान’ के पास भेजा गया, जिसने लाइसेंस के लिए उनसे लाखों रुपये वसूले। उन्होंने कहा कि शहर में सभी जगह पर सारे ‘दलाल’ खान हैं, जो शहर को लूट रहे हैं। एनडीटीवी ने जब उनसे सवाल पूछा कि वे व्यक्तिगत आदमी की गलती पर पूरे समुदाय को निशाना बना रहे हैं तो मंत्री ने कहा कि अगर वे गलत हैं तो उनको निशाना बनाया जाएगा।

ठाकरे ब्रदर्स का एजेंडा ‘मराठी फस्ट’
ठाकरे ब्रदर्स अपने ‘मराठी फस्ट’ के मूल एजेंडे पर लौट आए हैं। उनकी एकजुट उपस्थिति मराठी गौरव और ‘मराठी माणुस’ पर केंद्रित एक तेजतर्रार पिच का संकेत देती है। वहीं, दसरी ओर बीजेपी एक तेज हिंदू नैरेटिव को आगे बढ़ाते हुए दिख रही है। पदभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित सतम ने दावा किया कि अगर उद्धव ठाकरे सत्ता में लौटते हैं तो मुंबई को ‘खान मेयर’ मिल सकता है।




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