उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में साइबर ठगों के खिलाफ पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। हिरण मगरी थाना पुलिस ने 129.72 करोड़ रुपए की साइबर ठगी के मामले में चौथे आरोपी के रुप में दिनेश चन्द्र नामक व्यक्ति को भी को धर दबोचा। इसने पहले पकड़े गए आरोपी तूफान सिंह को फर्जी बैंक खाते मुहैया कराए थे। पुलिस अब इस बात की तहकीकात में जुटी है कि ये खाते कहां से और कैसे हासिल किए गए। काले रंग की कार और संदिग्ध लेन-देन की सूचना ने खोली पोलमीडिया रिपोटर्स में हिरण मगरी थानाधिकारी भरत योगी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक काले रंग की कार में सवार तीन युवक फर्जी बैंक खातों के जरिए अवैध लेन-देन कर रहे हैं। इस सूचना पर तुरंत एक्शन लेते हुए पुलिस और डीएसटी टीम ने कार्रवाई की और पहले तीन आरोपियों, हर्षवर्धन झा, जयेश कुमार, और तूफान सिंह नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से 10 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 7 सिम कार्ड, 10 एटीएम कार्ड, चेकबुक, बैंक डायरी, और घटना में इस्तेमाल हुई कार जब्त की गई थी।ऐसे रचते थे ठगी का जालपुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह टेलीग्राम ग्रुप्स और फर्जी केवाईसी के जरिए लोगों को अपने जाल में फंसाता था। ये ठग अधूरी केवाईसी वाले खाताधारकों को लालच देकर उनके मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स हासिल करते थे। इसके बाद ये खाते साइबर गैंग को कोरियर के जरिए भेजे जाते थे, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी की मोटी रकम के लेन-देन में होता था। पुलिस के मुताबिक, देशभर में 719 शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें जयपुर, बीकानेर सहित राजस्थान के कई जिलों में लाखों की ठगी का खुलासा हो चुका है। 13 से ज्यादा दलालों की हुई पहचानमीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, पुलिस ने इस साइबर गैंग से जुड़े 13 से ज्यादा ब्रोकरों को भी चिह्नित किया है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों से फर्जी खाते जुटाने का काम करते थे। ये ब्रोकर अधूरी केवाईसी वाले लोगों को निशाना बनाते, उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते, और फिर ये खाते साइबर ठगों को सौंप देते। जांच में यह भी पता चला कि खातों से जुड़ी सारी जानकारियां-मोबाइल नंबर, चेकबुक, बैंक डायरी-मुख्य सरगना तक कोरियर के जरिए पहुंचाई जाती थी। पुलिस बोली:अभी और खुलासे बाकीथानाधिकारी भरत योगी के मुताबिक, अब तक की जांच में जयपुर, बीकानेर और अन्य जिलों में लाखों की ठगी के सबूत मिल चुके हैं। जांच के दायरे में कई और लोग और राज्यों से जुड़े ब्रोकर आ सकते हैं। आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर गहन पूछताछ जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में और भी चौंकाने वाले राज सामने आएंगे।
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129.72 करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम देने वाले शातिरों का खुलासा! उदयपुर में ऐसे हुआ भंडाफोड़
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