मुंबई: शुक्रवार, 7 नवंबर को शेयर बाज़ार में सुस्ती रही। बीएसई सेंसेक्स 94 अंक गिर कर बंद हुए। कारोबार के दौरान तो एक समय बीएसई सेंसेक्स 500 अंक से भी ज्यादा गिर गया था। लेकिन इसी दिन बीएसई और अन्य कैपिटल मार्केट के स्टॉक में काफी तेज़ी देखी गई। BSE के शेयर 10.7% तक उछलकर 2,718.70 रुपये के अपने दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। आपको पता है कि सुस्ती के दिन भी इन शेयरों में उछाल क्यों आया? दरअसल, यह उछाल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सेबी ( SEBI ) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट को लेकर दिए गए बयानों के बाद आया।
मार्केट से जुड़े सभी शेयरों में उछालशुक्रवार के दिन सिर्फ BSE के शेयर ही नहीं, बल्कि कैपिटल मार्केट से जुड़े दूसरे शेयरों में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई। CDSL के शेयर 5.2% बढ़कर 1,612 रुपये पर पहुंच गए, जबकि Angel One के शेयर 5.4% की तेज़ी के साथ 2,620 रुपये के अपने दिन के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे थे। ये शेयर शुरुआती गिरावट से उबरकर इन बयानों के बाद ऊपर चढ़े। यह तेज़ी तब आई जब वित्त मंत्री ने गुरुवार को मुंबई में 12वें SBI बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव में सरकार का रुख़ साफ किया।
क्या कहा था वित्त मंत्री नेकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिन अपने संबोधन में कहा था, 'सरकार फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट का दरवाज़ा बंद करने के लिए यहां नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'सरकार यहां अड़चनों को दूर करने और उन पर काम करने के लिए है। यह निवेशकों की ज़िम्मेदारी है कि वे जोखिमों को समझें।' इसके बाद शुक्रवार को सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने CNBC-TV18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में इन बातों को दोहराया और उनका समर्थन किया।
क्या कहा सेबी चीफ नेपांडे ने कहा, 'अभी की स्थिति यह है कि यह (F&O सेगमेंट) चालू है और काम कर रहा है। और अगली बार, अगर हमें कोई और कदम उठाना पड़ा, तो हम एक कंसल्टेशन पेपर जारी करेंगे, जो आपको देखने को मिलेगा।' वह सेबी के उस पुराने प्रस्ताव के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे जिसमें साप्ताहिक ऑप्शंस एक्सपायरी की समीक्षा या उसे सीमित करने की बात कही गई थी। यह मुद्दा हाल के महीनों में काफी अटकलों का केंद्र रहा है, जिससे कैपिटल मार्केट के शेयरों में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। सेबी के चेयरमैन ने यह भी साफ किया कि इस सेगमेंट में कोई भी भविष्य में होने वाला बदलाव एकतरफा लागू नहीं किया जाएगा। 'सेबी के चेयरमैन ने यह भी कहा कि इस सेगमेंट पर कोई भी आगे का कदम एक सोची-समझी योजना के तहत उठाया जाएगा और इसमें उचित सलाह-मशविरा शामिल होगा।'
पहले भी संकेत आए थेबीते 31 अक्टूबर को दिए एक पिछले बयान में पांडे ने यह भी कहा था कि साप्ताहिक ऑप्शंस एक्सपायरी फ्रेमवर्क को 'सिर्फ बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि कई बाज़ार प्रतिभागी इन इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं।' इससे पहले अक्टूबर में बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI समिट 2025 के दौरान पत्रकारों से अलग से बातचीत में सेबी के चेयरमैन ने डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए एक संतुलित नियामक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था। उन्होंने कहा था, 'नियामक के तौर पर, हमें डेरिवेटिव्स बाज़ार तक पहुंचने का सही तरीका खोजना होगा।' उन्होंने यह भी पुष्टि की कि डेरिवेटिव्स पर कुछ उपाय पहले ही लागू किए जा चुके हैं, 'लेकिन उनमें से कुछ अभी लागू होने बाकी हैं।'
क्या है फ्यूचर्स एंड ऑप्शंसयह समझना ज़रूरी है कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) क्या हैं। आसान भाषा में कहें तो ये ऐसे वित्तीय अनुबंध या कांट्रेक्ट होते हैं जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित संपत्ति (जैसे शेयर, कमोडिटी) के मूल्य से तय होता है। ये निवेशकों को भविष्य में किसी खास कीमत पर संपत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन दायित्व नहीं। इनका इस्तेमाल अक्सर हेजिंग (जोखिम कम करना) या सट्टेबाजी के लिए किया जाता है।
मार्केट से जुड़े सभी शेयरों में उछालशुक्रवार के दिन सिर्फ BSE के शेयर ही नहीं, बल्कि कैपिटल मार्केट से जुड़े दूसरे शेयरों में भी अच्छी बढ़त दर्ज की गई। CDSL के शेयर 5.2% बढ़कर 1,612 रुपये पर पहुंच गए, जबकि Angel One के शेयर 5.4% की तेज़ी के साथ 2,620 रुपये के अपने दिन के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे थे। ये शेयर शुरुआती गिरावट से उबरकर इन बयानों के बाद ऊपर चढ़े। यह तेज़ी तब आई जब वित्त मंत्री ने गुरुवार को मुंबई में 12वें SBI बैंकिंग और इकोनॉमिक्स कॉन्क्लेव में सरकार का रुख़ साफ किया।
क्या कहा था वित्त मंत्री नेकेंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिन अपने संबोधन में कहा था, 'सरकार फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट का दरवाज़ा बंद करने के लिए यहां नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'सरकार यहां अड़चनों को दूर करने और उन पर काम करने के लिए है। यह निवेशकों की ज़िम्मेदारी है कि वे जोखिमों को समझें।' इसके बाद शुक्रवार को सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने CNBC-TV18 ग्लोबल लीडरशिप समिट में इन बातों को दोहराया और उनका समर्थन किया।
क्या कहा सेबी चीफ नेपांडे ने कहा, 'अभी की स्थिति यह है कि यह (F&O सेगमेंट) चालू है और काम कर रहा है। और अगली बार, अगर हमें कोई और कदम उठाना पड़ा, तो हम एक कंसल्टेशन पेपर जारी करेंगे, जो आपको देखने को मिलेगा।' वह सेबी के उस पुराने प्रस्ताव के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे जिसमें साप्ताहिक ऑप्शंस एक्सपायरी की समीक्षा या उसे सीमित करने की बात कही गई थी। यह मुद्दा हाल के महीनों में काफी अटकलों का केंद्र रहा है, जिससे कैपिटल मार्केट के शेयरों में उतार-चढ़ाव बढ़ा है। सेबी के चेयरमैन ने यह भी साफ किया कि इस सेगमेंट में कोई भी भविष्य में होने वाला बदलाव एकतरफा लागू नहीं किया जाएगा। 'सेबी के चेयरमैन ने यह भी कहा कि इस सेगमेंट पर कोई भी आगे का कदम एक सोची-समझी योजना के तहत उठाया जाएगा और इसमें उचित सलाह-मशविरा शामिल होगा।'
पहले भी संकेत आए थेबीते 31 अक्टूबर को दिए एक पिछले बयान में पांडे ने यह भी कहा था कि साप्ताहिक ऑप्शंस एक्सपायरी फ्रेमवर्क को 'सिर्फ बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि कई बाज़ार प्रतिभागी इन इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं।' इससे पहले अक्टूबर में बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI समिट 2025 के दौरान पत्रकारों से अलग से बातचीत में सेबी के चेयरमैन ने डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए एक संतुलित नियामक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया था। उन्होंने कहा था, 'नियामक के तौर पर, हमें डेरिवेटिव्स बाज़ार तक पहुंचने का सही तरीका खोजना होगा।' उन्होंने यह भी पुष्टि की कि डेरिवेटिव्स पर कुछ उपाय पहले ही लागू किए जा चुके हैं, 'लेकिन उनमें से कुछ अभी लागू होने बाकी हैं।'
क्या है फ्यूचर्स एंड ऑप्शंसयह समझना ज़रूरी है कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) क्या हैं। आसान भाषा में कहें तो ये ऐसे वित्तीय अनुबंध या कांट्रेक्ट होते हैं जिनका मूल्य किसी अंतर्निहित संपत्ति (जैसे शेयर, कमोडिटी) के मूल्य से तय होता है। ये निवेशकों को भविष्य में किसी खास कीमत पर संपत्ति खरीदने या बेचने का अधिकार देते हैं, लेकिन दायित्व नहीं। इनका इस्तेमाल अक्सर हेजिंग (जोखिम कम करना) या सट्टेबाजी के लिए किया जाता है।
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