नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यूपीएससी छात्र रामकेश मीणा की हत्या का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस हत्याकांड में फॉरेंसिक साइंड ग्रेजुएट अमृता चौहान पर अपने बॉयफ्रेंड रामकेश मीणा की हत्या का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासे भी किए हैं।
अमृता पर आरोप है कि उसने 6 अक्टूबर को अपने एक्स बॉयफ्रेंड और एक अन्य साथी के साथ मिलकर अपने लिव-इन पार्टनर की हत्या की और सबूत मिटाने के लिए आग लगा दी। अब पुलिस इस मामले में अमृता और उसके साथियों की पहचान पुख्ता करने के लिए गुजरात की नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से 'गेट एनालिसिस टेस्ट' कराने की तैयारी कर रही है।
क्या होता है गेट टेस्ट?
गेट टेक्स कुछ खास केसों में ही कराया जाता है। जहां पर पुलिस को सबूतों का अभाव होता है या फिर पुलिस को किसी खास व्यक्ति पर शक हो। यह टेस्ट किसी व्यक्ति के चलने के तरीके का वैज्ञानिक अध्ययन है। इसमें शरीर की हर हरकत को बारीकी से देखा जाता है ताकि चलने का एक खास 'सिग्नेचर' पहचाना जा सके। विश्लेषक व्यक्ति की चाल, सिर की पोजीशन, कदम की लंबाई, हाथों का मूवमेंट, पैरों की पोजीशन और वह व्यक्ति चलने पर वजन कैसे ट्रांसफर कर रहा है। इन जैसी कई बातों पर गौर किया जाता है। इसके पता चलता है कि वह व्यक्ति कैसे चलता है।
किन केसों में गेट टेस्ट का किया गया इस्तेमाल?
कब गेट टेस्ट का किया जाता है इस्तेमाल?
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह तकनीक तब बहुत काम आती है जब सीसीटीवी फुटेज में चेहरा साफ न दिखे लेकिन संदिग्धों की मौजूदगी का पता चल जाए। भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं और अदालतें भी इसे सबूत के तौर पर स्वीकार कर रही हैं। 2022 में मुंबई की एक अदालत ने इसी तरह की रिपोर्ट का इस्तेमाल किया था। इससे पहले, एंटीलिया बम कांड और गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच में भी इस तकनीक का उपयोग हुआ था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने फिलहाल अमृता सहित तीनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। रामकेश मीणा का शव उत्तर दिल्ली के तिमारपुर स्थित उसके फ्लैट से मिला था। पुलिस ने शुरुआत में आग लगने की घटना का मामला दर्ज किया था। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में नकाबपोश लोगों की बिल्डिंग में घुसते और एक महिला को आग लगने से ठीक पहले बाहर निकलते देख पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने अमृता के मोबाइल फोन के बंद होने के बावजूद तकनीकी निगरानी रखी और कई छापेमारी के बाद 18 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अमृता ने कबूल किया कि रामकेश के पास उसकी कुछ प्राइवेट फोटो और वीडियो एक हार्ड डिस्क पर थे, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। इसी बात पर अमृता ने अपने साथियों के साथ मिलकर रामकेश की हत्या की योजना बनाई।
हत्या के बाद जलाया गया शव
पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपी रामकेश के फ्लैट में घुसे और उसे पीटा व गला घोंटकर मार डाला। इसके बाद, अमृता के कहने पर उन्होंने सबूत मिटाने के लिए उसके शरीर पर घी, तेल और शराब डालकर आग लगा दी। उन्होंने रामकेश की हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप और कुछ अन्य सामान भी चुरा लिया। आग लगने से ठीक पहले वे फ्लैट से बाहर निकल गए और गेट को अंदर से बंद कर दिया ताकि यह लगे कि कोई बाहरी व्यक्ति अंदर नहीं घुसा था। इसके कुछ देर बाद ही फ्लैट में आग लग गई।
अमृता पर आरोप है कि उसने 6 अक्टूबर को अपने एक्स बॉयफ्रेंड और एक अन्य साथी के साथ मिलकर अपने लिव-इन पार्टनर की हत्या की और सबूत मिटाने के लिए आग लगा दी। अब पुलिस इस मामले में अमृता और उसके साथियों की पहचान पुख्ता करने के लिए गुजरात की नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी से 'गेट एनालिसिस टेस्ट' कराने की तैयारी कर रही है।
क्या होता है गेट टेस्ट?
गेट टेक्स कुछ खास केसों में ही कराया जाता है। जहां पर पुलिस को सबूतों का अभाव होता है या फिर पुलिस को किसी खास व्यक्ति पर शक हो। यह टेस्ट किसी व्यक्ति के चलने के तरीके का वैज्ञानिक अध्ययन है। इसमें शरीर की हर हरकत को बारीकी से देखा जाता है ताकि चलने का एक खास 'सिग्नेचर' पहचाना जा सके। विश्लेषक व्यक्ति की चाल, सिर की पोजीशन, कदम की लंबाई, हाथों का मूवमेंट, पैरों की पोजीशन और वह व्यक्ति चलने पर वजन कैसे ट्रांसफर कर रहा है। इन जैसी कई बातों पर गौर किया जाता है। इसके पता चलता है कि वह व्यक्ति कैसे चलता है।
किन केसों में गेट टेस्ट का किया गया इस्तेमाल?
- कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में
- कोलकाता में बच्ची के रेप केस में
- केरल में बम विस्फोट केस में
- कर्नाटक के गौरी शंकर मर्डर केस
- मुंबई में दलित महिला के रेप-मर्डर केस में
कब गेट टेस्ट का किया जाता है इस्तेमाल?
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह तकनीक तब बहुत काम आती है जब सीसीटीवी फुटेज में चेहरा साफ न दिखे लेकिन संदिग्धों की मौजूदगी का पता चल जाए। भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियां इस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा रही हैं और अदालतें भी इसे सबूत के तौर पर स्वीकार कर रही हैं। 2022 में मुंबई की एक अदालत ने इसी तरह की रिपोर्ट का इस्तेमाल किया था। इससे पहले, एंटीलिया बम कांड और गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच में भी इस तकनीक का उपयोग हुआ था।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने फिलहाल अमृता सहित तीनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है। रामकेश मीणा का शव उत्तर दिल्ली के तिमारपुर स्थित उसके फ्लैट से मिला था। पुलिस ने शुरुआत में आग लगने की घटना का मामला दर्ज किया था। लेकिन सीसीटीवी फुटेज में नकाबपोश लोगों की बिल्डिंग में घुसते और एक महिला को आग लगने से ठीक पहले बाहर निकलते देख पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने अमृता के मोबाइल फोन के बंद होने के बावजूद तकनीकी निगरानी रखी और कई छापेमारी के बाद 18 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अमृता ने कबूल किया कि रामकेश के पास उसकी कुछ प्राइवेट फोटो और वीडियो एक हार्ड डिस्क पर थे, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। इसी बात पर अमृता ने अपने साथियों के साथ मिलकर रामकेश की हत्या की योजना बनाई।
हत्या के बाद जलाया गया शव
पुलिस का दावा है कि तीनों आरोपी रामकेश के फ्लैट में घुसे और उसे पीटा व गला घोंटकर मार डाला। इसके बाद, अमृता के कहने पर उन्होंने सबूत मिटाने के लिए उसके शरीर पर घी, तेल और शराब डालकर आग लगा दी। उन्होंने रामकेश की हार्ड डिस्क, दो लैपटॉप और कुछ अन्य सामान भी चुरा लिया। आग लगने से ठीक पहले वे फ्लैट से बाहर निकल गए और गेट को अंदर से बंद कर दिया ताकि यह लगे कि कोई बाहरी व्यक्ति अंदर नहीं घुसा था। इसके कुछ देर बाद ही फ्लैट में आग लग गई।
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