रांची: झारखंड पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है। फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के मामले में सीआईडी की साइबर क्राइम यूनिट ने महाराष्ट्र के नागपुर से दो आरोपियों, जयंत ताराचंद और अजय रामभरोसे, को गिरफ्तार किया है।
झारखंड पुलिस का नागपुर में छापा
पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप और गूगल सर्च के माध्यम से एनजे फायनांसियल रिसर्च नामक फर्जी कंपनी का विज्ञापन दिखाया गया। विज्ञापन में आकर्षक निवेश योजनाओं के जरिए जल्दी और ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया था।
फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी
पीड़ित ने बताया कि उसे एचएनएसी ऐप पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसमें कम समय में ही 5 से 10 गुना मुनाफे का झूठा वादा किया गया था। इस झांसे में आकर पीड़ित ने 23 लाख रुपए निवेश किए, जिसे आरोपियों ने अवैध तरीके से अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया। सीआईडी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आरोपियों ने पीड़ितों को अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में पैसे जमा करवाने के लिए उकसाया। पुलिस ने इन खातों की ट्रैकिंग कर आवश्यक डिजिटल सबूत इकट्ठा किए हैं। इस कार्रवाई से कई अन्य पीड़ितों के फंसे होने की भी संभावना सामने आई है।
दोनों आरोपी नागपुर से दबोचे गए
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके अलावा, सीआईडी अन्य ऐसे फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और कंपनियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने में लगी हुई है। पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी निवेश के लिए सर्च इंजन, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर आने वाले अनजान विज्ञापनों पर भरोसा न करें। झारखंड पुलिस ने कहा कि डिजिटल और साइबर अपराधों पर नकेल कसी जा रही है और सभी ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
इनपुट- आईएएनएस
झारखंड पुलिस का नागपुर में छापा
पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप और गूगल सर्च के माध्यम से एनजे फायनांसियल रिसर्च नामक फर्जी कंपनी का विज्ञापन दिखाया गया। विज्ञापन में आकर्षक निवेश योजनाओं के जरिए जल्दी और ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया था।
फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए करोड़ों की ठगी
पीड़ित ने बताया कि उसे एचएनएसी ऐप पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया, जिसमें कम समय में ही 5 से 10 गुना मुनाफे का झूठा वादा किया गया था। इस झांसे में आकर पीड़ित ने 23 लाख रुपए निवेश किए, जिसे आरोपियों ने अवैध तरीके से अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया। सीआईडी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आरोपियों ने पीड़ितों को अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में पैसे जमा करवाने के लिए उकसाया। पुलिस ने इन खातों की ट्रैकिंग कर आवश्यक डिजिटल सबूत इकट्ठा किए हैं। इस कार्रवाई से कई अन्य पीड़ितों के फंसे होने की भी संभावना सामने आई है।
दोनों आरोपी नागपुर से दबोचे गए
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इसके अलावा, सीआईडी अन्य ऐसे फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और कंपनियों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने में लगी हुई है। पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि किसी भी निवेश के लिए सर्च इंजन, सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स पर आने वाले अनजान विज्ञापनों पर भरोसा न करें। झारखंड पुलिस ने कहा कि डिजिटल और साइबर अपराधों पर नकेल कसी जा रही है और सभी ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
इनपुट- आईएएनएस
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