मुंबई : विकसित महाराष्ट्र विजन 2047 की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सन 2047 तक महाराष्ट्र को विकसित राज्य बनाने की दिशा में हम लोग तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अभी भी हमें और भी कड़ी मेहनत करनी होगी। योजनाओं को कागज से उतारकर प्रत्यक्ष साकार करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस काम में उनकी बड़ी भूमिका है। हमारा रोडमैप बनकर तैयार है, बस उस पर आगे बढ़ना है।
सरकार विजन डॉक्यूमेंट को देखते हुए कर रही काम
सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथि गृह में महाराष्ट्र विजन डॉक्यूमेंट 2047 की बैठक में जलसंपदा, ऊर्जा, उच्च व तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक न्याय, उद्योग, सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य एवं पर्यटन सहित जैसे अन्य विभागों का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार विजन डॉक्यूमेंट 2047 को देखते हुए काम कर रही है।
5 साल तक विजन पर लगातार किया काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह डीप थिंकिंग का प्रमाण हैं। हम सही रास्ते पर हैं। अगले 22 साल के लिए एक रोडमैप तैयार हो रहा है। विजन का मतलब दिशा होता है, हमारे लक्ष्यों और दिशा का स्पष्ट होना आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ कागजी योजना नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे वास्तविकता में उतारने के लिए पूरी क्षमता लगानी होगी। 5 साल तक इस विजन पर लगातार काम किया, तो 2047 तक विकसित महाराष्ट्र का सपना पूरा हो सकता है। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव राजेश कुमार और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का रोडमैप
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट बताता है कि 22 साल बाद महाराष्ट्र कैसा होगा। यह जनता की उम्मीदों को पूरा करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का रोडमैप है। बैठक में विश्वास जताया गया कि यह डॉक्यूमेंट केवल योजना नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक प्रगति को तेज करने का असली आधार बनेगा।
विदर्भ और मराठवाड़ा की पानी समस्या दूर होगी
मुख्यमंत्री फडणवीस ने विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की कमी दूर करने के लिए वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ परियोजना से संबंधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीआरपी) तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने 15 अक्टूबर तक डीआरपी सरकार को सौंपने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के वित्तीय नियोजन के लिए केंद्र सरकार से फंड की मांग की जाएगी और राज्य सरकार भी आवश्यक धन उपलब्ध कराएगी। इस अवसर पर जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन, अपर मुख्य सचिव दीपक कपूर, प्रधान सचिव सौरभ विजय, सचिव संजय बेलसरे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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