वसीम अहमद, बस्ती: उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद बस्ती पहुंचे, उन्होंने अमहट घाट पर कुआनो नदी में दो लाख मछलियों का बीज छोड़कर मत्स्य पालन के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का संदेश दिया मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि प्रदेश की नदियों और तालाबों में मत्स्य संपदा के संरक्षण और विकास के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इससे न केवल मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय मत्स्य पालकों को भी आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिलेगा।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संजय निषाद ने कहा कि वह हमारी डाली हुई मछलियां पकड़ रहे हैं, हमारी पाली हुई मछली पकड़ रहे हैं। हम मछली डाल रहे हैं और वह पकड़ रहे हैं। कभी उनकी सरकार थी तब तक मछली का ध्यान नहीं आया। आज़ निषादों ने उनका साथ छोड़ दिया है। हाथी, साइकिल, पंजे को छोड़ निषादों ने अपनी पार्टी बना ली अपने हक़ की रक्षा के लिए क्योंकि देख लिया कि निषाद नेता जहां भी जाते हैं पार्टियों में उनको बोलते नहीं दिया जाता था। निषाद भी अपनी समस्या के समाधान के लिए झंडा लेकर उतर गए हैं।
वहीं SIR के सवाल पर संजय निषाद ने कहा कि एक संवैधानिक संस्था है चुनाव आयोग, सुझाव दिए जा सकते हैं। अगर गलती है तो हम न्यायालय जा सकते हैं जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए आज मरे हुए आदमी को कोई नहीं कहेगा कि वोट डालें निश्चित तौर पर 18 साल से अधिक उम्र वाले को वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए। एक जगह से अधिक नाम है तो कटना चाहिए यह तभी संभव है। बाहरी विदेशी का नाम नहीं होना, बीएलओ को यह जिम्मेदारी दी गई।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संजय निषाद ने कहा कि वह हमारी डाली हुई मछलियां पकड़ रहे हैं, हमारी पाली हुई मछली पकड़ रहे हैं। हम मछली डाल रहे हैं और वह पकड़ रहे हैं। कभी उनकी सरकार थी तब तक मछली का ध्यान नहीं आया। आज़ निषादों ने उनका साथ छोड़ दिया है। हाथी, साइकिल, पंजे को छोड़ निषादों ने अपनी पार्टी बना ली अपने हक़ की रक्षा के लिए क्योंकि देख लिया कि निषाद नेता जहां भी जाते हैं पार्टियों में उनको बोलते नहीं दिया जाता था। निषाद भी अपनी समस्या के समाधान के लिए झंडा लेकर उतर गए हैं।
वहीं SIR के सवाल पर संजय निषाद ने कहा कि एक संवैधानिक संस्था है चुनाव आयोग, सुझाव दिए जा सकते हैं। अगर गलती है तो हम न्यायालय जा सकते हैं जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए आज मरे हुए आदमी को कोई नहीं कहेगा कि वोट डालें निश्चित तौर पर 18 साल से अधिक उम्र वाले को वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए। एक जगह से अधिक नाम है तो कटना चाहिए यह तभी संभव है। बाहरी विदेशी का नाम नहीं होना, बीएलओ को यह जिम्मेदारी दी गई।
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