इंदौर: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के मंच पर उस समय सभी चौंक गए, जब इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव के बेटे संघमित्र भार्गव ने रेलवे की खामियों पर खुलकर निशाना साधा। मंच पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। संघमित्र के तीखे भाषण पर वे भी ठहाके लगाने से खुद को नहीं रोक पाए। इस दौरान बड़े नेता उसकी बातों को सुनकर भौंचक्क भी थे। वहीं, इंदौर मेयर के पसीने छूट रहे थे।
रेलवे में दलाल का साथ, जनता निराश
संघमित्र ने कहा कि सरकार कहती है सबका साथ सबका विकास। लेकिन हकीकत यह है कि रेलवे में हो रहा है दलालों का साथ और जनता का विनाश। वेटिंग लिस्ट का आलम यह है कि हर साल 50 लाख से ज्यादा लोग टिकट लेने के बावजूद सफर नहीं कर पाते। 2022 तक अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का वादा किया गया था, लेकिन 2025 आ गया और बुलेट ट्रेन तो नहीं, वादाखिलाफी की रफ्तार जरूर दौड़ रही है। करोड़ों रुपए खर्च हो गए, जमीन अधिग्रहण में घोटाले हो गए, लेकिन ट्रेन अब तक सिर्फ पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन तक ही सिमटी है।
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कवच तकनीक से हादसे खत्म हो जाएंगे
उन्होंने आगे कहा कि कहा गया था कि कवच तकनीक से रेल हादसे खत्म हो जाएंगे, लेकिन पिछले 10 साल में 20 हजार लोग ट्रेन हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। जब रेल के डिब्बे टूटते हैं या ट्रेन पटरी से उतरती है, तब सिर्फ लोहे के डिब्बे नहीं टूटते, किसी मां की गोद उजड़ जाती है, किसी बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाता है, किसी बूढ़े पिता की आंखों से आखिरी उम्मीद छिन जाती है।
पीने का पानी है महंगा
स्टेशन री-डेवलपमेंट को लेकर भी संघमित्र ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, 400 स्टेशन एयरपोर्ट जैसे बनाने की बात हुई थी, लेकिन अब तक बने कितने हैं? सिर्फ 20। वहां भी चमकते बोर्ड तो हैं, लेकिन पीने का पानी महंगा है और भीड़ वही की वही है।
अधूरी योजनाओं पर घेरा
उन्होंने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सवा लाख करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था, लेकिन 80 प्रतिशत परियोजनाएं अब तक अधूरी हैं। 78 प्रतिशत फंड जो सुरक्षा के लिए था, उसे डायवर्ट कर दिया गया। एक रिपोर्ट बताती है कि 300 करोड़ रुपए का निवेश सिर्फ एक कंपनी को दे दिया गया। ऐसे में कैसे होगा सबका विकास
मेयर बोले– मैंने तैयारी नहीं कराई, CM ने किया मजाक
महापौर ने हंसते हुए कहा कि संघमित्र के इस भाषण की तैयारी मैंने नहीं कराई है। इस पर मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा, मुझे थोड़े ही पता किसने तैयारी कराई, पर एक कहावत है चोर की दाढ़ी में तिनका। मैं यह आपके लिए नहीं कह रहा। इसके बाद मंच पर मौजूद लोग हंसने लगे।
रेलवे में दलाल का साथ, जनता निराश
संघमित्र ने कहा कि सरकार कहती है सबका साथ सबका विकास। लेकिन हकीकत यह है कि रेलवे में हो रहा है दलालों का साथ और जनता का विनाश। वेटिंग लिस्ट का आलम यह है कि हर साल 50 लाख से ज्यादा लोग टिकट लेने के बावजूद सफर नहीं कर पाते। 2022 तक अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का वादा किया गया था, लेकिन 2025 आ गया और बुलेट ट्रेन तो नहीं, वादाखिलाफी की रफ्तार जरूर दौड़ रही है। करोड़ों रुपए खर्च हो गए, जमीन अधिग्रहण में घोटाले हो गए, लेकिन ट्रेन अब तक सिर्फ पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन तक ही सिमटी है।
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कवच तकनीक से हादसे खत्म हो जाएंगे
उन्होंने आगे कहा कि कहा गया था कि कवच तकनीक से रेल हादसे खत्म हो जाएंगे, लेकिन पिछले 10 साल में 20 हजार लोग ट्रेन हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। जब रेल के डिब्बे टूटते हैं या ट्रेन पटरी से उतरती है, तब सिर्फ लोहे के डिब्बे नहीं टूटते, किसी मां की गोद उजड़ जाती है, किसी बच्चे का भविष्य अंधकार में चला जाता है, किसी बूढ़े पिता की आंखों से आखिरी उम्मीद छिन जाती है।
पीने का पानी है महंगा
स्टेशन री-डेवलपमेंट को लेकर भी संघमित्र ने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, 400 स्टेशन एयरपोर्ट जैसे बनाने की बात हुई थी, लेकिन अब तक बने कितने हैं? सिर्फ 20। वहां भी चमकते बोर्ड तो हैं, लेकिन पीने का पानी महंगा है और भीड़ वही की वही है।
अधूरी योजनाओं पर घेरा
उन्होंने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सवा लाख करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था, लेकिन 80 प्रतिशत परियोजनाएं अब तक अधूरी हैं। 78 प्रतिशत फंड जो सुरक्षा के लिए था, उसे डायवर्ट कर दिया गया। एक रिपोर्ट बताती है कि 300 करोड़ रुपए का निवेश सिर्फ एक कंपनी को दे दिया गया। ऐसे में कैसे होगा सबका विकास
मेयर बोले– मैंने तैयारी नहीं कराई, CM ने किया मजाक
महापौर ने हंसते हुए कहा कि संघमित्र के इस भाषण की तैयारी मैंने नहीं कराई है। इस पर मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा, मुझे थोड़े ही पता किसने तैयारी कराई, पर एक कहावत है चोर की दाढ़ी में तिनका। मैं यह आपके लिए नहीं कह रहा। इसके बाद मंच पर मौजूद लोग हंसने लगे।
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