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सिंगापुर से मासी की एक फोन कॉल ने बच्ची को यौन शोषण से बचाया, पिता पहुंचा जेल, पर हैरान कर रहा मां का रोल

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चेन्नई : सिंगापुर से आई एक फोन कॉल ने चेन्नई में छोटी बच्ची की ज़िन्दगी बदल दी। इस कॉल से एक ऐसा घिनौना सच सामने आया जो शायद हमेशा के लिए दबा रह जाता। अप्रैल 2018 में, जब बच्ची की मां जब ऑफिस गई हुई थी, तब उसके पिता ने बच्ची को नहलाते समय उसके साथ यौन शोषण किया। बिल्डर पिता की यह करतूत बच्ची को घिनौनी लगी। उसने जब मां से शिकायत की तो माता-पिता के बीच झगड़ा हुआ। पिता ने माफी मांगी और मामला शांत हो गया। नहीं थमी पिता की गंदी करतूतलेकिन पिता की करतूत नहीं थमी, वह बार-बार बच्ची का शोषण करता रहा। वह उसे धमकी भी देता था। उसके माता-पिता के बीच अक्सर झगड़े होने लगे। इस वजह से बच्ची चुप रहने लगी ताकि और झगड़ा न हो। उसने शिकायत बंद कर दी तो मां को लगा कि उसका यौन शोषण बंद हो गया है। लेकिन, मां को बाद में पता चला कि उनकी गैरमौजूदगी में अब भी शोषण जारी है। उन्होंने बच्ची को चेन्नई से 300 किलोमीटर दूर मन्नारगुडी में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया।सिंगापुर में रहने वाली बच्ची की मासी को जब यह सब पता चला तो वह हैरान रह गईं। उन्होंने अपनी छोटी बहन और बच्ची की मां से बात की और उन्हें शिकायत करने को कहा लेकिन वह राजी नहीं हुई। आखिर मासी ने सिंगापुर से आईं और बच्ची को न्याय दिलवाया। बच्ची ने मासी को बताई यौन शोषण की बातबच्ची की मासी ने बताया कि बच्ची जब रिश्तेदार के यहां भेजी गई तब मुझे कुछ अटपटा लगा। मैंने अपनी बहन से बात की लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। फिर मैंने बच्ची से बात की। बातचीत के दौरान, बच्ची ने बताया कि वह आखिरकार खुश है क्योंकि उसे अब यातना नहीं सहना पड़ता। यह सुनकर मासी को चिंता हुई। उन्होंने प्यार से उससे और सवाल पूछे। तब बच्ची ने घर पर हुई सारी बातें बता दीं। मद्रास हाई कोर्ट से मां ने ली बच्ची की कस्टडीमासी सिंगापुर से तुरंत तमिलनाडु आईं। वह बच्ची को अस्पताल ले गईं। मेडिकल जांच में शारीरिक चोटों की पुष्टि हुई। मेडिकल सबूतों के आधार पर, एक Pocso (Protection of Children from Sexual Offences) मामला दर्ज किया गया। पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। जैसे-जैसे आपराधिक मामला आगे बढ़ा, मां ने 2023 में मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की और बच्ची की कस्टडी हासिल कर ली। मां ने बच्ची को बयान बदलने की पढ़ाई पट्टीनिचली अदालत ने पिता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि बच्ची ने गवाही दी थी। अगले एक साल में, मां ने कथित तौर पर बच्ची को अपनी पहले की बातों से पलटने के लिए सिखाया। हालांकि अदालत ने बच्ची को हर हफ्ते अपनी मासी से मिलने की इजाजत दी, लेकिन कस्टडी मां के पास ही रही। बयान से पलटी बच्ची, पर कोर्ट ने सुनाई पिता को सजापिछले हफ्ते जब आपराधिक मामला ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के लिए आया, तो बच्ची ने अदालत को चौंका दिया। पहले उसने शोषण के बारे में विस्तार से बताया था, लेकिन अब उसने कहा कि कुछ नहीं हुआ और वह चाहती है कि उसका परिवार, जिसमें उसके पिता भी शामिल हैं, एक साथ रहे। बच्ची के पलटने के बावजूद, ट्रायल कोर्ट ने पहले इकट्ठा किए गए मेडिकल सबूतों और बच्ची के मूल बयान पर भरोसा किया। जज एम राजलक्ष्मी ने पिता को 20 साल की कैद की सजा सुनाई और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
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