मुंबई: भारत के बड़े रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म, Groww (Billionbrains Garage Ventures Ltd), का बहुप्रतीक्षित इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) आज यानी 4 नवंबर को बाजार में हिट कर रहा है। इस IPO के ज़रिए कंपनी 6,632 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी ने अपने शेयर का प्राइस बैंड 95 से 100 रुपये प्रति शेयर तय किया है। निवेशक इस IPO में आगामी 7 नवंबर तक बोली लगा सकते हैं।
डिजिटल दुनिया का लीडर
Groww की शुरुआत साल 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व कर्मचारियों ललित केशरी, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। आज यह भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक इसके 47.9 मिलियन एक्टिव NSE यूज़र्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज़्यादा है। बेंगलुरु की यह कंपनी एक डायरेक्ट-टू-कस्टमर डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसके ज़रिए निवेशक स्टॉक, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, बॉन्ड, ईटीएफ, आईपीओ और डिजिटल गोल्ड में ट्रेड और इन्वेस्ट कर सकते हैं। साथ ही, यह मार्जिन ट्रेडिंग और पर्सनल लोन की सुविधा भी देती है। तभी तो बाज़ार में रिटेल निवेशकों की इसमें अच्छी दिलचस्पी दिखी है।
क्या है ग्रे मार्केट में प्रीमियमअनलिस्टेड मार्केट में आज दिन के 11 बजे इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 18% दिख रहा है। आज ही सुबह यह 17 फीसदी दिख रहा था जबकि कल यह 14 फीसदी था। कहने का मतलब है कि इसका जीएमपी लगातार बढ़ रहा है। इससे पता चलता है कि इसकी लिस्टिंग को लेकर अच्छी उम्मीदें हैं। इसका अपर प्राइस बैंड 100 रुपये है। मतलब कि इसका इस समय भाव ग्रे मार्केट में भाव 118 रुपये चल रहा है।
छेटे शहरों तक पहुंचशेयर बाजार में निवेश पहले महानगरों और बड़े शहरों की बात मानी जाती थी। लेकिन Groww की पहुंच बताती है कि इसने इसे छोटे शहरों और गांवों तक पहुंचा दिया है। दरअसल, इसने अपनी यूज़र-फ्रेंडली डिज़ाइन, पारदर्शी कीमतों और टेक्नोलॉजी पर आधारित स्केलेबिलिटी के लिए एक मज़बूत पहचान बनाई है। भारत के 98% से ज़्यादा पिन कोड में Groww के यूज़र्स हैं। इसके एक्टिव ग्राहकों में से 81% टॉप छह शहरों के बाहर से हैं, जो दिखाता है कि यह छोटे शहरों तक भी अपनी पहुंच बना चुका है।
क्या है कंपनी की आर्थिक हालतFY25 में Groww ने 3,901 करोड़ रुपये का रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशंस दर्ज किया, जो पिछले साल से 49% ज़्यादा है। कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 1,824 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले सालों के नुकसान से एक बड़ा बदलाव है। EBITDA मार्जिन सुधरकर 60.8% हो गया है। यह इसके एसेट-लाइट मॉडल और ग्राहकों को बनाए रखने की क्षमता को दर्शाता है। इसके लगभग 78% नए यूज़र्स खुद से जुड़े हैं, जिससे मार्केटिंग का खर्च कम हुआ है और मुनाफ़ा बढ़ा है। Groww के ग्राहकों में अलग-अलग तरह के लोग शामिल हैं। इसमें कम संपत्ति वाले (25 लाख रुपये से कम) और ज़्यादा संपत्ति वाले (एफ्लुएंट) दोनों तरह के यूज़र्स हैं। एफ्लुएंट यूज़र्स से कंपनी को ज़्यादा औसत रेवेन्यू प्रति यूज़र (AARPU) मिलता है। FY25 में यह AARPU बढ़कर 3,339 रुपये हो गया है, जो FY23 में 2,541 रुपये था।
IPO से जुटाए पैसों का क्या होगाइस IPO में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, ब्रांडिंग और मार्केटिंग, और अपनी सब्सिडियरी Groww Creditserv Tech (NBFC आर्म) और Groww Invest Tech (मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी बिज़नेस) में पूंजी डालने के लिए किया जाएगा।
कौन हैं लीड मैनेजर्सइस इश्यू के लीड मैनेजर Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citigroup, Axis Capital, और Motilal Oswal Investment Advisors हैं। MUFG Intime रजिस्ट्रार के तौर पर काम करेगा।
क्या है वैल्यूएशनइस शेयर की कीमत के ऊपरी प्राइस बैंड पर Groww का वैल्यूएशन 33.8x FY25 P/E है। यह Angel One (19x) और Anand Rathi Wealth (25x) जैसे पारंपरिक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज़्यादा है। लेकिन यह प्रीमियम Groww की बाज़ार में मज़बूत पकड़, अपनी इन-हाउस टेक्नोलॉजी क्षमता और लगातार बढ़ते यूज़र्स की वजह से है।
क्या कहते हैं एनालिस्टआनंद राठी रिसर्च का कहना है , "हालांकि नज़दीकी भविष्य में वैल्यूएशन थोड़ा ज़्यादा लग सकता है, Groww के मज़बूत फंडामेंटल्स और ग्राहकों को बनाए रखने की क्षमता इसे लंबे समय के लिए एक आकर्षक निवेश बनाती है।" ब्रोकरेज का मानना है कि भारत में वित्तीय बाज़ारों के बढ़ने (फाइनेंशियलइज़ेशन) का फायदा Groww को मिलेगा। अभी भी केवल लगभग 5% वयस्क भारतीयों के पास एक्टिव ब्रोकिंग अकाउंट हैं, जो ग्रोथ के लिए एक बड़ा मौका देता है। आनंद राठी ने इस IPO के लिए "सब्सक्राइब-लॉन्ग टर्म" की रेटिंग दी है। हालांकि, कुछ जोखिम भी हैं। इनमें F&O ट्रेडिंग से जुड़े रेगुलेटरी बदलाव, ब्रोकरेज इनकम पर निर्भरता (FY25 के रेवेन्यू का 79.5%) और बाज़ार की अस्थिरता शामिल हैं।
(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये नवभारत टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
डिजिटल दुनिया का लीडर
Groww की शुरुआत साल 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व कर्मचारियों ललित केशरी, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। आज यह भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक इसके 47.9 मिलियन एक्टिव NSE यूज़र्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज़्यादा है। बेंगलुरु की यह कंपनी एक डायरेक्ट-टू-कस्टमर डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसके ज़रिए निवेशक स्टॉक, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, बॉन्ड, ईटीएफ, आईपीओ और डिजिटल गोल्ड में ट्रेड और इन्वेस्ट कर सकते हैं। साथ ही, यह मार्जिन ट्रेडिंग और पर्सनल लोन की सुविधा भी देती है। तभी तो बाज़ार में रिटेल निवेशकों की इसमें अच्छी दिलचस्पी दिखी है।
क्या है ग्रे मार्केट में प्रीमियमअनलिस्टेड मार्केट में आज दिन के 11 बजे इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) 18% दिख रहा है। आज ही सुबह यह 17 फीसदी दिख रहा था जबकि कल यह 14 फीसदी था। कहने का मतलब है कि इसका जीएमपी लगातार बढ़ रहा है। इससे पता चलता है कि इसकी लिस्टिंग को लेकर अच्छी उम्मीदें हैं। इसका अपर प्राइस बैंड 100 रुपये है। मतलब कि इसका इस समय भाव ग्रे मार्केट में भाव 118 रुपये चल रहा है।
छेटे शहरों तक पहुंचशेयर बाजार में निवेश पहले महानगरों और बड़े शहरों की बात मानी जाती थी। लेकिन Groww की पहुंच बताती है कि इसने इसे छोटे शहरों और गांवों तक पहुंचा दिया है। दरअसल, इसने अपनी यूज़र-फ्रेंडली डिज़ाइन, पारदर्शी कीमतों और टेक्नोलॉजी पर आधारित स्केलेबिलिटी के लिए एक मज़बूत पहचान बनाई है। भारत के 98% से ज़्यादा पिन कोड में Groww के यूज़र्स हैं। इसके एक्टिव ग्राहकों में से 81% टॉप छह शहरों के बाहर से हैं, जो दिखाता है कि यह छोटे शहरों तक भी अपनी पहुंच बना चुका है।
क्या है कंपनी की आर्थिक हालतFY25 में Groww ने 3,901 करोड़ रुपये का रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशंस दर्ज किया, जो पिछले साल से 49% ज़्यादा है। कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 1,824 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले सालों के नुकसान से एक बड़ा बदलाव है। EBITDA मार्जिन सुधरकर 60.8% हो गया है। यह इसके एसेट-लाइट मॉडल और ग्राहकों को बनाए रखने की क्षमता को दर्शाता है। इसके लगभग 78% नए यूज़र्स खुद से जुड़े हैं, जिससे मार्केटिंग का खर्च कम हुआ है और मुनाफ़ा बढ़ा है। Groww के ग्राहकों में अलग-अलग तरह के लोग शामिल हैं। इसमें कम संपत्ति वाले (25 लाख रुपये से कम) और ज़्यादा संपत्ति वाले (एफ्लुएंट) दोनों तरह के यूज़र्स हैं। एफ्लुएंट यूज़र्स से कंपनी को ज़्यादा औसत रेवेन्यू प्रति यूज़र (AARPU) मिलता है। FY25 में यह AARPU बढ़कर 3,339 रुपये हो गया है, जो FY23 में 2,541 रुपये था।
IPO से जुटाए पैसों का क्या होगाइस IPO में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, ब्रांडिंग और मार्केटिंग, और अपनी सब्सिडियरी Groww Creditserv Tech (NBFC आर्म) और Groww Invest Tech (मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी बिज़नेस) में पूंजी डालने के लिए किया जाएगा।
कौन हैं लीड मैनेजर्सइस इश्यू के लीड मैनेजर Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citigroup, Axis Capital, और Motilal Oswal Investment Advisors हैं। MUFG Intime रजिस्ट्रार के तौर पर काम करेगा।
क्या है वैल्यूएशनइस शेयर की कीमत के ऊपरी प्राइस बैंड पर Groww का वैल्यूएशन 33.8x FY25 P/E है। यह Angel One (19x) और Anand Rathi Wealth (25x) जैसे पारंपरिक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में ज़्यादा है। लेकिन यह प्रीमियम Groww की बाज़ार में मज़बूत पकड़, अपनी इन-हाउस टेक्नोलॉजी क्षमता और लगातार बढ़ते यूज़र्स की वजह से है।
क्या कहते हैं एनालिस्टआनंद राठी रिसर्च का कहना है , "हालांकि नज़दीकी भविष्य में वैल्यूएशन थोड़ा ज़्यादा लग सकता है, Groww के मज़बूत फंडामेंटल्स और ग्राहकों को बनाए रखने की क्षमता इसे लंबे समय के लिए एक आकर्षक निवेश बनाती है।" ब्रोकरेज का मानना है कि भारत में वित्तीय बाज़ारों के बढ़ने (फाइनेंशियलइज़ेशन) का फायदा Groww को मिलेगा। अभी भी केवल लगभग 5% वयस्क भारतीयों के पास एक्टिव ब्रोकिंग अकाउंट हैं, जो ग्रोथ के लिए एक बड़ा मौका देता है। आनंद राठी ने इस IPO के लिए "सब्सक्राइब-लॉन्ग टर्म" की रेटिंग दी है। हालांकि, कुछ जोखिम भी हैं। इनमें F&O ट्रेडिंग से जुड़े रेगुलेटरी बदलाव, ब्रोकरेज इनकम पर निर्भरता (FY25 के रेवेन्यू का 79.5%) और बाज़ार की अस्थिरता शामिल हैं।
(डिस्क्लेमर: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सलाह, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये नवभारत टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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