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धीरेंद्र शास्त्री संग साए की तरह चल रहे कौन हैं ये महंत? अयोध्या के हनुमानगढ़ी से कनेक्शन

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ/मथुरा: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत हो गई है। यह यात्रा दिल्ली से शुरू होकर 16 नवंबर को वृंदावन के श्री ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में धर्म ध्वजा चढ़ाने के साथ संपन्न होगी। इस पदयात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री के साथ साए की तरह चल रहे हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। राजू दास का संबंध प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या से है और वे वहां के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत हैं। वे अपने बेबाक बयानों और हिंदू हितों से जुड़े रुख के लिए भी जाने जाते हैं।

अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हनुमानगढ़ी मंदिर में ही रहकर की है। उन्होंने धार्मिक ग्रंथों को कंठस्थ करने के साथ ही साकेत पीजी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में परास्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की है। छात्र जीवन में राजू दास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे और बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। राजू दास स्वयं को नागा साधु भी बताते हैं। वो निर्वाणी अखाड़ा के उज्जैनिया पट्टी से ताल्लुक रखते हैं। यह पट्टी देशभर में निर्वाणी अखाड़े से जुड़े मंदिरों के संचालन में अहम भूमिका निभाती है।

बताते चलें कि बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह सनातन हिंदू एकता पदयात्रा दिल्ली से मथुरा-वृंदावन तक निकाली जा रही है। 7 नवंबर से शुरू हुई यह यात्रा 10 दिन चलेगी और करीब 150 से 170 किलोमीटर का सफर तय करेगी। 13 नवंबर को यात्रा आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित कोटवन सीमा से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। यात्रा का समापन 16 नवंबर को श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन में होगा। इस पदयात्रा का उद्देश्य सनातनियों को एकजुट कर हिंदू राष्ट्र की भावना को सशक्त बनाना है।

साथ ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण, कालिंदी (यमुना) को स्वच्छ बनाना और ब्रज क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त करना इसके प्रमुख एजेंडे में शामिल है। वहीं, धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि यह यात्रा सनातन धर्म की एकता और भारत की आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। उधर, काशी-अयोध्या के बाद मथुरा की गूंज उठ रही है। मथुरा का नारा धार्मिक और राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस मुद्दे पर संकेत दे चुके हैं। अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह सनातन हिंदू एकता पदयात्रा इस आंदोलन को नई ऊर्जा और दिशा देती दिख रही है।
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