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नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली... पीएम मोदी के संबोधन पर आगबबूला हुए खरगे, विपक्ष बोला- एकतरफा क्रेडिट ले गए

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नई दिल्ली: जीएसटी रिफॉर्म की नई दरें लागू करने के ठीक 1 दिन पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को अपना संबोधन दिया। अपने संबोधन में जहां उन्होंने जीएसटी के भर-भर के फायदे गिनवाए तो विपक्षी नेता भड़क उठे। फिर क्या था नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गईं। इन नेताओं में सबसे अधिक कोई भड़के तो वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर काफी तीखे शब्दों का प्रयोग करते हुए पीएम मोदी की आलोचना की।



900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली: खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि नौ सौ चूहे खाकर, बिल्ली हज को चली ! आपकी सरकार ने कांग्रेस के सरल और कुशल GST के बजाय, अलग-अलग 9 स्लैब से वसूली कर “गब्बर सिंह टैक्स” लगाया और 8 साल में 55 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा वसूले। अब आप 2.5 लाख करोड़ रुपये के “बचत उत्सव” की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंड ऐड लगाने की बात कर रहे हैं !



जनता कभी नहीं भूलेगी कि आपने उनके दाल-चावल-अनाज, पेंसिल, किताबें, इलाज, किसानों के ट्रैक्टर — सबसे GST वसूला था। आपकी सरकार को तो जनता से माफी मांगनी चाहिये!





खुद ही पूरी क्रेडिट ले गए प्रधानमंत्री: जयराम रमेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी अपने एक्स हैंडल पर प्रतिक्रिया दी है। जयराम रमेश ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी परिषद, जो एक संवैधानिक निकाय है, द्वारा जीएसटी व्यवस्था में किए गए संशोधनों पर एकमात्र स्वामित्व का दावा कर दिया।



भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से यह तर्क देती रही है कि जीएसटी एक विकास अवरोधक कर रहा है। यह कई कर श्रेणियों, व्यापक उपभोग की वस्तुओं पर दंडात्मक कर दरों, बड़े पैमाने पर कर चोरी और गलत वर्गीकरण, महंगे अनुपालन बोझ और एक उलटे शुल्क ढांचे (इनपुट की तुलना में आउटपुट पर कम कर) से ग्रस्त है।



पीएम मोदी का संबोधन मुझे जरा अजीब लगा: सुप्रिया श्रीनेत

GST सुधारों पर प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री मोदी का देश के नाम संबोधन बहुत अजीब लगा क्योंकि वित्त मंत्री पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि नया GST कल से लागू होगा। फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से इस बारे में बात भी की थी। उन्होंने कुछ नया नहीं कहा। हालांकि, आज जब वे बोल रहे थे तो ऐसा लग रहा था जैसे 2017 में किसी और सरकार ने GST लागू किया हो।



MSME को तो इन्हीं की नोटबंदी ने बर्बाद किया था: पवन खेड़ा

GST सुधारों पर प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आज उन्होंने एक ऐसी घोषणा की है जिसकी मांग हम 2017 से करते आए हैं। MSME(सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को इन्हीं की नोटबंदी और GST ने तबाह किया था। राज्य स्तरीय GST की बहुत आवश्यकता है। MSME के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है जो नोटबंदी और GST से हुए नुकसान की भरपाई कर सके।





मैं पूछना चाहता हूं कि 8 साल तक टैक्स का बोझ क्यों लादा गया

GST सुधारों पर प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी GST के नाम पर अपनी वाह-वाह लूटने का काम कर रहे थे। जब 2017 में GST आया था तो देश की जनता को कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ी क्रांति लेकर आए हैं। पिछले 8 सालों में देश की जनता से लाखों-करोड़ों रुपए टैक्स के नाम पर लिए गए हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि देश की जनता पर 8 सालों तक टैक्स का बोझ क्यों लादा गया।



जीएसटी में कई खामिया हैं: डी राजा

CPI महासचिव डी राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर कहा कि संसद में GST पर चर्चा हुई। इसमें कई खामियां हैं। आखिरकार सरकार कुछ बदलावों पर सहमत हो गई है। अब सवाल यह है कि वे कीमतें कब कम करेंगे खासकर जरूरी चीजों पर। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाम पर अर्थव्यवस्था के बारे में कई दावे करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहे हैं?... हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या होता है।



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